डॉ. नीरज कनौजिया के कविता संग्रह ;दर्द की लकीरें’ की कविताओं में पीड़ा के संत्रास के साथ ही जीवन संघर्ष और उम्मीदें भी हैं
कौन यहां किसका अपना ,है जग केवल कोरा सपना है , छलना तो केवल छलना है , साँसों के हर तार बंधे हैं , जीवन को बरबस जलना है »
कौन यहां किसका अपना ,है जग केवल कोरा सपना है , छलना तो केवल छलना है , साँसों के हर तार बंधे हैं , जीवन को बरबस जलना है »
हम श्रमजीवी पत्रकारों की नजर में संपादक अज्ञेय आज (07 मार्च 2024) 113वीं जयंती है। एक रूमानी व्यक्ति रहे। कथित प्रगतिशील»
उन इस्लामी प्रबुद्धजनों का साथ हर देशप्रेमी भारतीय को देना चाहिए जिन्होंने (4 मार्च 2024) को एक जन-अभियान चलाया। इसमें»
इंदौर। अतीत के अध्ययन से वर्तमान में उसकी समीक्षा होती है और भविष्य के लिए उसकी कार्ययोजना बनती है। साठ के दशक में बीसवी»
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में कस्तूरबा गांधी की पुण्यतिथि निराले ढंग से मनाई गई। यह अवसर विशेष बन गया। गांधी जी»
पिछली सदी में एक साहित्यसेवी हुये थे। नाम था ”कान्त”। कुशवाहा कान्त। पाठक उनके असंख्य थे। सभी उम्र के। गत वर»
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, यह हमारी सरकार का सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधर»
एक युगांतकारी निर्णय में भारतीय नौसेना ने अपने भोजन मैस में अफसरों को टाई कोट आदि के ब्रिटिश पोशाक को तजकर पैजामा कुर्ता»
मान्य अवधारणा है की दैवी नाम केवल मनुष्यों को ही दिए जाते हैं। मगर सिलिगुड़ी वन्यप्राणी उद्यान में शेर और शेरनी का नाम अ»
उन दिनों अमूमन अखबारों के दफ्तर में देर शाम फोन की घंटी बजती थी (तब मोबाइल नहीं जन्मा था), तो अंदेशा होता था कि “कुछ तो»
वन की परिभाषा क्या है ? अब इस जानेमाने शब्द के आशय पर गत सप्ताह से भारत का सर्वोच्च न्यायालय माथापच्ची कर रहा है, सिर खप»
मुकफ्फा (अनुप्रास) विधा के लिए मशहूर सिख शायर, पाकिस्तान से भारत आए, एक बंगभाषिनी अदाकारा राखी के पति सरदार संपूरण सिंह»
रूस में राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की तानाशाही से संघर्ष करते जनयोद्धा, वकील एलेक्सी नवेलनी की 16 फरवरी 2024 साइबेरिया क»
कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी अभी-अभी पूरी हुई है। लोग भूल से गए थे कि कोई कर्पूरी ठाकुर जैसा बड़ा नेता बिहार में अपनी वि»
साहित्य अपने श्रेष्ठतम स्वरुप में यथार्थ से उपजता है. परन्तु इस यथार्थ का परिष्करण कृतिकार की कल्पनाशीलता से ही संभव है.»
9 फरवरी 2024, विश्व पित्सा दिवस था। पित्सा अथवा पिज़्ज़ा यूरोपियन आत्मबंधु है पराठे का। इटली में जन्मा यह पराठा कर्नाटक»
स्वाधीनता संग्राम के उस चरण में मुसलमानों में एक अजीब वैचारिक परिवर्तन हुआ। 19वीं सदी के प्रारंभ में जो ब्रिटिश साम्राज्»
जुलाई,1896 में तत्कालीन बंबई के ‘वाटसन होटल’ में ज़ब लुमियर बन्धुओं ने अपने ‘सिनेमेटोग्राफ’ प्रदर»
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में अंतरिम बजट पेश किया। वित्तमंत्री ने इस बार छठा बजट सदन में पेश किया। मोरारजी देसाई»