‘अर्जन’ से ‘विसर्जन’ तक की यात्रा का पड़ाव है कुंभ

हमारे ऋषि गणों ने आधुनिक विश्व के कथित वैज्ञानिक ज्ञान से हजारों वर्ष पूर्व बृहस्पति की गति के आधार पर सुनिश्चित कर अपने»

राष्ट्र निर्माण में अखाड़ों, आश्रमों और धार्मिक केंद्रों की भूमिका

भारत की शक्ति उसका अध्यात्म है। प्रगाढ़ आध्यात्मिकता के कारण ही भारत की सभ्यता एवं संस्कृति अनेक हमलों के बाद भी नष्ट नही»

गांधी जी और दीनदयाल उपाध्याय ने देशज ज्ञान को भारत के पुनर्निर्माण का आधार बनाया

पंडित दीनदयाल उपाध्याय आधुनिक भारत के विरले राजनीतिज्ञ हैं, जिनके विचारों पर अकादमिक दुनिया में विधिवत विमर्ष प्रारंभ हु»

“ हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा , गीत नया गाता हूं ”

अटल बिहारी वाजपेयी जी की कई रचनाओं में से, कविता “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, गीत नया गाता हूं” दृढ़ संकल्प, और»