‘अर्जन’ से ‘विसर्जन’ तक की यात्रा का पड़ाव है कुंभ
हमारे ऋषि गणों ने आधुनिक विश्व के कथित वैज्ञानिक ज्ञान से हजारों वर्ष पूर्व बृहस्पति की गति के आधार पर सुनिश्चित कर अपने»
हमारे ऋषि गणों ने आधुनिक विश्व के कथित वैज्ञानिक ज्ञान से हजारों वर्ष पूर्व बृहस्पति की गति के आधार पर सुनिश्चित कर अपने»
जहां की रज के कण-कण को स्वयं देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त है, जहां गंगा-यमुना एवं सरस्वती की पवित्र त्रिवेणी हर किसी के ल»
भारत की शक्ति उसका अध्यात्म है। प्रगाढ़ आध्यात्मिकता के कारण ही भारत की सभ्यता एवं संस्कृति अनेक हमलों के बाद भी नष्ट नही»
हिंदू धर्म वर्तमानजीवी धर्म है। यह सत्य और ऋत का वह गठबंधन है, जो अतीत से जुड़ने का अर्थ वर्तमान की संभावना के विस्तार से»
पंडित दीनदयाल उपाध्याय आधुनिक भारत के विरले राजनीतिज्ञ हैं, जिनके विचारों पर अकादमिक दुनिया में विधिवत विमर्ष प्रारंभ हु»
अखाड़े कुंभ परंपरा के अभिन्न अंग हैं, जिनके बगैर इस विराट समागम की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अखाड़ा शब्द संस्कृत के अखण्ड»
पूर्ण: कुंभोऽधि काल आहितस्तं वै पश्यामो बहुधा नु सन्त:। स इमा विश्वा भुवनानि प्रत्यड्कालं तमाहु: परमे व्योमन॥ (अथर्ववेद»
अनादि काल से हमारा देश आध्यात्म प्रधान देश है। यहां घटित होने वाली प्रत्येक घटना की स्मृति में जो आध्यात्मिक अनुष्ठान पु»
भारतीय संस्कृति और परंपरा में कुंभ मेले का विशेष महत्व है। साल 2025 में महाकुंभ 13 जनवरी, 2025 से आरंभ हो रहा है और 26 फ»
दुनिया का सबसे बड़ा और तकरीबन डेढ़ माह तक चलने वाला धार्मिक समागम की तैयारियां लगभग पूरी हो गई है। तैयारियों में कोई कमी न»
हर समय का एक युगधर्म होता है। आज का युगधर्म क्या है? राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत सतत अपने व्»
किशोर कुणाल जी अब हम सबके बीच नहीं हैं, लेकिन समाज जीवन नें उनकी भूमिका हमसब की यादों में है। रामलला सरकार के मंदिर में»
92 वर्षीय मनमोहन सिंह को गुरुवार की शाम घर पर “अचानक बेहोश” होने के बाद गंभीर हालत में एम्स के आपातकालीन विभ»
अटल बिहारी वाजपेयी जी की कई रचनाओं में से, कविता “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, गीत नया गाता हूं” दृढ़ संकल्प, और»
‘आमि सेइ दिन होबो शांत, जबे उत्पीड़ितेर क्रंदन-रोल आकाशे बातासे ध्वनिबे ना, अत्याचारीर खड्ग कृपाण भीम रणभूमे रनिबे»
भारत और कुवैत ने हर तरह के आतंकवाद की निंदा की है . कुवैत ने हर तरह के आतंवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग का एलान किया है»
भाषाएं परिनिष्ठित तथा लिखित साहित्य का माध्यम बनती हैं’, यह साहित्य की परिभाषा है लेकिन भाषाएँ अलगाववाद एवं राष्ट्»
डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में एक गरीब अस्पृश्य परिवार में हुआ था। भीमराव आंबेडकर»
परिवार एक पालना है, ‘सकल चारित्रिक एवं उत्तम सामाजिक गुणावली’ का. परिवार के वृहत रुप में ही राष्ट्र की संकल»