भारत में अंग्रेजी : तमस की भाषा
राजीव वोरा अंग्रेजी के घातक बोझ से देश को मुक्त करने की बात सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने भी कही है। मूल बात अ»
राजीव वोरा अंग्रेजी के घातक बोझ से देश को मुक्त करने की बात सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने भी कही है। मूल बात अ»
हमारे देश में अनेक भाषाएं हैं जिनको कई विद्वान भाषा और बोलियों, दो वर्गों में भी बांटते हैं। प्रारम्भ में संविधान की 8वी»
परिस्थितियां होती हैं। इसका कारण है। इतना केवल बताकर मैं अपना भाषण पूरा करूंगा। आप यह समझ लीजिए कि यह प्रकृति का नियम है»
परिस्थितियां आती हैं, हर चीज का इलाज एकदम नहीं होता। परिस्थितियों का इलाज होता है। इसको समय लगता है और इतने समय तक धीरज»
किंतु अब दूसरी भी बात है, मैंने प्रारंभ में कल एक बात कही थी। मैं रिमाईंड कराना चाहता हूं, यहां आप लोग बैठे हैं। एक रास्»
अब यह हिंदू मानसिकता को समझ कर आगे चलना है और पंजाब के बारे में भी यही लागू है। अब इस समस्या के बारे में हम पहले समझ लें»
विभाजन के बाद 55 करोड़ रुपये जब पाकिस्तान को देने का सवाल आया। सारे गांधी जी से नाराज हुए। अखबारों ने गांधी जी के खिलाफ ल»
उदयपुर में जो कुछ हुआ उससे आक्रोश स्वाभाविक है। लेकिन साथ ही सोचने की जरूरत है। 1990 में लुधियाना के राष्ट्रीय स्वयंसेवक»
हम कहते हैं कि गांधी जी सांस्कृतिक दृष्टि से श्रेष्ठ हिंदू थे। किंतु राजनैतिक दृष्टि से हिंदुओं के सबसे बड़े दुश्मन गांधी»
इमरजेंसी को याद करना उथल-पुथल की उस परिस्थिति में लौटने जैसा है। हर साल हम झांककर देखते हैं कि आखिर क्यों वैसा हुआ? लोकत»
महात्मा गांधी से पहली भेंट से वापस आते हुए महादेव भाई देसाई अपने मित्र से बोले, ‘‘नरहरि, मुझे तो इस पुरुष के चरणों में ब»
अफ़गानिस्तान में जो चल रहा है वह तो सभी के सामने है। आज का मीडिया वहां की राजनीति, कूटनीति और खौफनीति से लगातार»
मैं एक सज्जन द्वारा लिखे गए गुजराती पत्र का नीचे अनुवाद दे रहा हूंः हिन्दुस्तान को दुनिया के लोकमत की नगण्य सहायता मिली»
मुझे खुशी है कि आप सब लोग चाहते हैं कि मैं प्रार्थना के अर्थ और उसकी आवश्यकता के बारे में कुछ कहूं। मैं मानता हूं कि प्र»
एक पत्र-लेखक ने मुझे ‘प्रबुद्ध भारत’ का सितंबर का अंक भेजा है। इस अंक में संपादक ने मेरे उस उत्तर का प्रतिवाद प्रकाशित क»
मद्रास में दो नवयुवकों पर मुकदमा चलाया गया है। एक तीस वर्षीय हिन्दू और दूसरा पच्चीस वर्षीय मुसलमान है। दोनों पर मद्रास क»
अपनी सघन और गहरी अनुभूतियों को कल्याण सिंह बिना कीसी शास्त्र या अनुशासन का पालन किये शब्द देते हैं। कतार के आखिरी आदमी क»
मैं नहीं जानता, मैं कहां हूं। कांग्रेस से निकल गया हूं, सरकार में हूूं नहीं। सोशलिस्ट मुझे गांधीवाला कहकर दूर भागते हैं,»
1931 में कांग्रेस का आंदोलन हुआ। आंदोलन में डा. जी स्वयं शामिल हुए। डा. जी के साथ संघ के प्रमुख कार्यकर्ता भी थे। लेकिन»