गर्भ-संस्कार की पहल
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध ‘संवर्धिनी न्यास‘ ने शिशुओं को गर्भ में ही संस्कार एवं मूल्य सिखाने के उद्देश्य से गर»
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध ‘संवर्धिनी न्यास‘ ने शिशुओं को गर्भ में ही संस्कार एवं मूल्य सिखाने के उद्देश्य से गर»
कांग्रेसी अब और शराब पी सकते हैं। निर्बाध, खुल्लम-खुल्ला, बेहिचक, बिना किसी लाग-लपेट या लिहाज के। उनके लिए अब खादी पहनना»
सनातन समाज आंदोलित एवं संघर्षरत है. यह आत्मसम्मान का संघर्ष है. अधिकार का संघर्ष है. राष्ट्र को अक्षुण्ण बनाए रखने का सं»
इतिहास अपने वास्तविक स्वरूप में गतिशील होता है. उसके गर्भ में कुछ ऐसे बीज तत्व होते हैं जो वर्तमान एवं भविष्य की गतिशीलत»
हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह बुनियादी तालीम देश के वातावरण में से पैदा हुई है और देश की जरूरतों को पूरा कर सकती है । य»
जनजातीय यानी देश के आदिवासी-वनवासी समुदायों ने भोपाल में मतांतरित लोगों को सरकारी नौकरी, छात्रवृत्ति में आरक्षण,»
[ एक बार भंगी बस्ती, नई दिल्ली की एक सायंकालीन प्रार्थना में एक भजन गाया था। उसमें गांधीजी को अपने स्वतंत्र भारत की मूलभ»
अपने यहां वैज्ञानिक रुझान की कमी बताने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है। विज्ञान के इन अंध समर्थकों को लगता है कि जैसे विज्ञा»
जो भूमि अमर हिमालय से घिरी हुई और गंगा की स्वास्थ्यप्रद धाराओं से सिंचित होती है, क्या वह हिंसा से अपना नाश कर लेगी? मैं»
सभा में गांधीजी का लिखित संदेश सुनाया जाने वाला था किंतु संयोगवश प्रार्थना आध घंटे बाद शुरू हुई. तब तक महात्माजी का मौन»
दुनिया के जिस भूभाग ने सर्वाधिक समय तक समृद्धि और संस्कृति का अखंड प्राहव देखा है, उसका नाम भारत है। इस भारत की तासीर भा»
अंग्रेजों का राज तो इस देश पर 200 साल तक रहा। उसके पहले और भी विदेशी शासक आए। लंबे समय तक राज किया। लेकिन वे भारत को नही»
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई। कुल 12 राज्यों से»
डोनाल्ड लेक नामक एक अमेरिकन ने पांच खंडों में किताब लिखी जिसका नाम है ‘एशिया इन द मैकिंग आफ यूरोप’ इस लेखक ने पहली बार ह»
संविधान सभा ने हमारे दो राष्ट्रीय लक्ष्यों की उपेक्षा कर दी- जीवन दर्शन और राष्ट्रीयता। इसका कारण यह है कि वीएन राव जो स»
हमें डा. अंबेडकर की संविधान सभा में भूमिका को समझने के लिए उनकी पृष्ठिभूमि को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। पहली बात यह»
राजीव वोरा अंग्रेजी के घातक बोझ से देश को मुक्त करने की बात सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने भी कही है। मूल बात अ»
हमारे देश में अनेक भाषाएं हैं जिनको कई विद्वान भाषा और बोलियों, दो वर्गों में भी बांटते हैं। प्रारम्भ में संविधान की 8वी»
परिस्थितियां होती हैं। इसका कारण है। इतना केवल बताकर मैं अपना भाषण पूरा करूंगा। आप यह समझ लीजिए कि यह प्रकृति का नियम है»