जनता ने लड़ा था 1977 का चुनाव
मेरा जन्म मध्य प्रदेश के सरगुजा जिले में स्थित एक बड़े कस्बे रामानुजगंज में हुआ। उस समय रामानुजगंज बिहार की सीमा पर था। व»
मेरा जन्म मध्य प्रदेश के सरगुजा जिले में स्थित एक बड़े कस्बे रामानुजगंज में हुआ। उस समय रामानुजगंज बिहार की सीमा पर था। व»
कुलदीप नैयर संजय उत्तर भारत के लोगों को पसंद किया करते थे, विशेष रूप से पंजाबियों को। उन्हें लगता था कि वे उनके लिए करने»
चंद्रशेखर, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बाबूजी (जगजीवन राम) से ड्राफ्ट पढ़वाया। उन लोगों का ड्रामा देखिए! पढ़ते ही»
मेरी गलती यह हुई कि मैंने मान लिया था कि एक लोकतांत्रिक देश की प्रधानमंत्री बहुत करेंगी, तो हमारे शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक»
नरेंद्र मोदी आपातकाल के दौरान गुजरात ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार की तानाशाही के खिलाफ आमजन»
जो कुछ हो रहा था, उसका साथ देना मेरे लिए असंभव था। कैसे कोई कह दे कि भारत का भविष्य एक व्यक्ति पर निर्भर है। इतनी चाटुका»
पच्चीस जून की रात रामलीला मैदान में जेपी का भाषण खत्म हुआ तो हम उन्हें गांधी शान्ति प्रतिष्ठान में उनके कमरे में छोड़कर अ»
इस साल दिसंबर माह की तारीख नौ के महत्व में एक नया आयाम जुड़ गया है। संविधान सभा का विधिवत गठन 9 दिसंबर, 1946 को हुआ था। त»
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अस्वस्थ होने के कारण 15 वें प्रभाष जोशी स्मारक व्याख्यान में नहीं आ सके। उन्होंने लोकतंत्»
गिरिराज किशोर जी अब हम सबके बीच नहीं है। गिरिराज किशोर जी ने प्रभाष जोशी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम प्रभाष प्रसंग 20»
अगले साल 26 जून, 2025 को आपातकाल के पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं। अगर पीछे मुड़कर इसे हादसे या दुर्घटना के रूप में देखें तो»
विगत एक – डेढ़ दशकों से देश की सबसे पुरानी पार्टी का शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व वामपंथ के मोह में जकड़ा हुआ है। राहुल गा»
दिल को बहुत नीक लगा। बड़ा मनभावन भी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दिल्ली में ओजस्वी बयान था : “आतंकी को पाकिस्तान म»
मणिपुर घाटी में रिसते लहू की छीटों से ढाई हजार किलोमीटर दूर संसद भवन अभी लाल नहीं हो पाया ! कारण ? वहां लोग पड़ताल कर रहे»
वरिष्ठ समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा महात्मा गाँधी की नैतिक-आध्यात्मिक विचारधारा पर आधारित अपनी चर्चित किताब ‘न»
वर्तमान समय में देश वैचारिक संघर्ष के संकट से गुजर रहा है. ये संघर्ष वास्तविक पंथनिरपेक्षता और तुष्टिकरण के मध्य, कट्टर»
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध ‘संवर्धिनी न्यास‘ ने शिशुओं को गर्भ में ही संस्कार एवं मूल्य सिखाने के उद्देश्य से गर»