जन-सेवा की ओट में अनैतिकता
जर्मन दार्शनिक शोपेनहावर ने इच्छाशक्ति द्वारा दुःखों से मुक्ति की कल्पना की है. वे चाहते हैं कि मानव, मानव का सहभोक्ता ह»
जर्मन दार्शनिक शोपेनहावर ने इच्छाशक्ति द्वारा दुःखों से मुक्ति की कल्पना की है. वे चाहते हैं कि मानव, मानव का सहभोक्ता ह»
श्रीयुत मा.गोलवलकर (गुरूजी) ने सांप्रदायिकता के विविध स्वरुपों की विवेचना की है. इसमें हिंदू समाज की जीवनधारा के विरुद्ध»
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने एक बार कहा था, “पत्रकारिता कोई पेशा नहीं, यह जन सेवा का माध्यम है. लोकतांत»
आमतौर पर नई तालीम का अर्थ किया जाता है- उद्योग द्वारा शिक्षा देना। लेकिन यह कुछ अंश तक ही ठीक है । नई तालीम की जड़ इससे»
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले सरकार को संसद में केंद्रीय बजट या बजट पेश करना ज»
[ एक बार भंगी बस्ती, नई दिल्ली की एक सायंकालीन प्रार्थना में एक भजन गाया था। उसमें गांधीजी को अपने स्वतंत्र भारत की मूलभ»
जी 20 का गठन वर्ष 1999 के दशक के अंत में वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था | उस समय विशेष रूप से पूर्वी एशिया और»
आज संसार में दो प्रकार की विचारधाराएँ प्रचलित हैं । एक विचारधारा जगत् को शहरों में बाँटना चाहती है और दूसरी उसे गाँवों म»
हमारे गाँवों की सेवा करने से ही सच्चे स्वराज्य की स्थापना होगी । अन्य सब प्रयत्न निरर्थक सिद्ध होंगे।अगर गाँव नष्ट हो जा»
हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है | हिंदी को हिंदुस्तान में अभी तक राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं»
2022 में 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से पहले और उसके बाद उर्वरकों की वैश्विक कीमतें आसमान छू रही थीं।वे तब से क»
”स्वराज्य’ एक पवित्र शब्द है; वह एक वैदिक शब्द है, जिसका अर्थ आत्म शासन और आत्म-संयम है। अंग्रेजी शब्द ̵»
अपने यहां वैज्ञानिक रुझान की कमी बताने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है। विज्ञान के इन अंध समर्थकों को लगता है कि जैसे विज्ञा»
दुनिया के देशों पर नजर डालें तो कुल 200 से अधिक देश हैं। उनमें से 100 करोड़ से ऊपर की आबादी वाले कुल दो देश हैं- एक चीन,»
जो भूमि अमर हिमालय से घिरी हुई और गंगा की स्वास्थ्यप्रद धाराओं से सिंचित होती है, क्या वह हिंसा से अपना नाश कर लेगी? मैं»
आशा बड़ी नायाब शक्ति है- आज से बेहतर करने कहने, सोचने, बनाने और बरतने की आशा ! आशा है तो लड़ते हैं, आशा है तो जीतते हैं,»
सभा में गांधीजी का लिखित संदेश सुनाया जाने वाला था किंतु संयोगवश प्रार्थना आध घंटे बाद शुरू हुई. तब तक महात्माजी का मौन»
प्रो.मैनेजर पांडे की लोकप्रियता का आकाश अनंत है। इसे अब उनके निधन के बाद अनुभव किया जा रहा है। वे अपने छात्रों में लोकप्»
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर। राजा शिव छत्रपति महानाट्य के लिए लालकिला दिल्ली में चार मंजिल मंच बनकर तैयार हो गया। आज दिल्ली वि»