भूमि अधिग्रहण से वज्रपात तक
कभी-कभी सरकारी निर्माण के लिए या सार्वजनिक संस्था के लिए किसान की जमीन ली जाती है। इस तरह अधिग्रहण की गयी जमीन का बाजार»
कभी-कभी सरकारी निर्माण के लिए या सार्वजनिक संस्था के लिए किसान की जमीन ली जाती है। इस तरह अधिग्रहण की गयी जमीन का बाजार»
भारतीय किसान संघ राष्ट्रवादी संगठन है। संपूर्ण राष्ट्र के हित का वह विचार करता है। वह जानता है कि किसान का हित और»
संयुक्त प्रांत के दौरे में प्रयाग के विद्यार्थियों की ओर से मुझे नीचे लिखा पत्र मिला थाःयद्यपि विद्यार्थियों की एक सभा म»
किसानों को सहायता देने के लिए निर्मित हुई कृषि उपज मंडियां उनके शोषण, उनके साथ धोखेबाजी तथा बेईमानी की मंडी बन रही है। र»
अफ़गानिस्तान में जो चल रहा है वह तो सभी के सामने है। आज का मीडिया वहां की राजनीति, कूटनीति और खौफनीति से लगातार»
देहरादून से एक विद्यार्थी का हिन्दी में लिखा पत्र मिला है। उसका सार इस प्रकार हैःहमारे कालेज के छात्रावास में अब»
एक संवादाता ने मेरे पास कराची के एक विवाह समारोह के समाचार भेजे हैं। कहा गया है कि वहां एक धनवान सेठ श्री लालचंदज»
आज बापूजी की बात कहने लगा हूं, तो उससे पहले थोड़ी अपनी कहानी भी सुना दूं। मैं बचपन से ही थोड़ा विद्रोही रहा हूं। घर में वि»
मैं एक सज्जन द्वारा लिखे गए गुजराती पत्र का नीचे अनुवाद दे रहा हूंः हिन्दुस्तान को दुनिया के लोकमत की नगण्य सहायता मिली»
मुझे खुशी है कि आप सब लोग चाहते हैं कि मैं प्रार्थना के अर्थ और उसकी आवश्यकता के बारे में कुछ कहूं। मैं मानता हूं कि प्र»
पिछली शताब्दी में किसानों की दुःस्थिति, असन्तोष तथा विद्रोह के प्रमुख कारण अकाल, शाहूकार, जमींदार, मूल्य-वृद्धि तथा अपर्»
एक पत्र-लेखक ने मुझे ‘प्रबुद्ध भारत’ का सितंबर का अंक भेजा है। इस अंक में संपादक ने मेरे उस उत्तर का प्रतिवाद प्रकाशित क»
ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध तमार जनजातीय विद्रोह सन् 1789 से 1832 के बीच सात बार भड़का। अंग्रेजों की शह पर जमींदार, साहूकार»
1947 में अंग्रेजों ने भारत की आजादी को केवल ‘सत्ता का हस्तांतरण कहा। अफसोस है कि भारतीय नेतृत्व ने भी यही माना, समझा और»
जब 1947 में हमने ब्रिटिश शासन को विदा करके अपनी स्वतंत्रता फिर स्थापित की थी तो अपने मन में यह सोच लिया था कि औपनिवेशिक»
कल्याण सिंह एक मौलिक व्यक्तित्व के नेता थे।वे किसी की नकल नहीं करते थे। उनका अपना सब कुछ मौलिक था। चिंतन ,भाषण ,लेखन यह»
मद्रास में दो नवयुवकों पर मुकदमा चलाया गया है। एक तीस वर्षीय हिन्दू और दूसरा पच्चीस वर्षीय मुसलमान है। दोनों पर मद्रास क»
बात है 17 अक्टूबर 1996 की। यह वही दिन था जिस दिन उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा। विधान सभा को निलंबित रखा गया। राज»
संविधान को जानने और जांचने की एक कसौटी हमें सामने रखनी चाहिए। वह है-स्वराज। हमारे राष्ट्रीय आंदोलन का दूसरा लक्ष्य यही थ»