संविधान को जानें – 4

संविधान को जानने और जांचने की एक कसौटी हमें सामने रखनी चाहिए। वह है-स्वराज। हमारे राष्ट्रीय आंदोलन का दूसरा लक्ष्य यही था। क्या वह संविधान में है? जब मैं स्वराज की बात कर रहा हूं तो कोई यह न समझे कि इन दिनों अरविंद केजरीवाल जिस स्वराज का ढोंग रचा रहे हैं, मैं उसकी बात कर रहा हूं। मेरा आशय उस स्वराज से है, जिसकी कल्पना गांधी और जेपी ने की थी। मैं केजरीवाल के स्वराज की बात नहीं कर रहा हूं। उन्होंने अन्ना अभियान का अपहरण कर ‘आप’ बनाया। चुनाव लड़ा।

अब दिल्ली नामक महानगर में राज्य चलाने में मगन हैं। कभी स्वराज का वे, नाम लेते थे। उस स्वराज में क्या है, मुझे नहीं मालूम। लेकिन महात्मा गांधी जिस स्वराज की कल्पना करते थे उस स्वराज का मतलब होता था और सचमुच स्वराज का अर्थ अगर आपकिसी डिक्शनरी में देखें तो स्वराज का अर्थ है कानून बनाने का अधिकार समाज का है। प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार समाज का होगा। यह मोटी सी दो बातें हैं। जो इसको निर्धारित करती हैं कि स्वराज क्या है?

संविधान से स्वराज गायब है। उसे संविधान के परकोटे में बैठा दिया गया है। उसे ही हम नीति निर्देशक तत्व कहते हैं। जब बन रहा था तब किसी ने संविधान सभा के अध्यक्ष डाॅ. राजेंद्र प्रसाद को लिखा कि जो संविधान का प्रारूप तैयार है और बांटा जा रहा है उसमें तो गांव और स्वराज की कोई बात ही नहीं है। फिर विचार हुआ।

डाॅ. भीमराव अंबेडकर गांव के बारे में बहुत ही खराब राय रखते थे। पर उनकी यह महानता थी कि उन्होंने संविधान सभा के कुछ सदस्यों का संशोधन स्वीकार कर लिया। इस तरह संविधान में एक नीति निर्देशक तत्व का परकोटा बना। यह ऐसा है जैसे घ्रूार में सजावट की कोई चीज रख दी गई हो। इसे नागरिक न्यायपालिका से लागू नहीं करा सकता। इसी तरह जो राजनीतिक व्यवस्था है वह दलीय अराजकता और तानाशाही में चल रही है।

लोकतंत्र में अराजकता और तानाशाही वैसे ही हैं जैसे शरीर में कैंसर का रोग। दल चाहे कोई भी हों। उनका नाम लिए वगैर कहा जा सकता है कि हर दल में तानाशाली हैं। लोकतंत्र नहीं है। असहमति की आवाज उठाने का अवसर नहीं है। असहमत होना विरोधी हो जाने जैसा है। इसका संबंध भी संविधान की संरचना से है। ऐसी बहुत सी बातें हैं जिन्हें हमें जानना चाहिए। संविधान को जानना ही काफी है। तभी इस देश और दुनिया के प्रति जो हमारा दायित्व है उसका निर्वाह संभव है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Name *