आज का पैगाम : हारिये न हिम्मत, बिसारिये न राम !!
जब निराशा, हताशा, विषाद, मायूसी, उदासी, व्यथा घेर ले तो मन को खिन्न न होने दें। इतिहास, पुराण के कुछ पुराने पृष्ठों को»
जब निराशा, हताशा, विषाद, मायूसी, उदासी, व्यथा घेर ले तो मन को खिन्न न होने दें। इतिहास, पुराण के कुछ पुराने पृष्ठों को»
शोध आधारित फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ ने एक तरफ जहाँ केरल में लव जिहाद पीड़िताओं के वीभत्स जीवन का यथार्थ चित्रण किया वही दूस»
अपनी नादानी भरी राजनीति के कारण राहुल गांधी लगातार भूलें कर रहे हैं। एक भूल से उनकी लोकसभा सदस्यता गई। तो दूसरी भूल वे क»
डॉ. आंबेडकर का कहना था कि, “संवैधानिक नैतिकता एक स्वाभाविक भावना नहीं है. इसका क्रमिक विकास किया जाता है.” क»
चुनावी व्यय एक ऐसा मुद्दा है जिसमें निर्वाचन आयोग, राजनीतिक दल एवं भारत सरकार तीनों के ही अपने अपने दृष्टिकोण हैं. सैद्ध»
भारत में पंचायतों की परंपरा अत्यंत प्राचीन रही है.भारतीय इतिहास के हर दौर में पंचायतों का अस्तित्व रहा है. प्राण जी के श»
बड़ी याद आती है जवाहरलाल नेहरू की। भले ही आज न तो उनकी पुण्यतिथि है, न जयंती। फिर कवि प्रदीप की पंक्ति कौंध जाती है : “ज»
विगत दिनों मध्य मुंबई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद आदि जैसे संगठनों के कार्यकर्त्ताओं ने»
रायपुर कांग्रेस का अधिवेशन 85वां था। लेकिन कांग्रेस के 137 साल हो गए हैं। इतनी पुरानी पार्टी का जब अधिवेशन हो तो प्रतीक»
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बीते पांच मार्च को सत्याग्रह मंडप के मंच पर जो दृश्य उपस्थित किया, वह अनोखा था। मंच»
राष्ट्रपति का भाषण हमेशा एक औपचारिक संबोधन समझा जाता है। लेकिन 15वें राष्ट्रापति को अपवाद माना जा रहा है। वे हैं, राष्ट्»
देश में आरक्षण पर विमर्श चर्चा में है. जनवरी, 2019 में 103वें संविधान संशोधन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10»
पिछले दिनों इंदौर में नशे में धुत चार लड़कियों ने सड़क पर एक लड़की को बेरहमी से पीटा. पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने»
कैसा व्यतिरेक है ? तिथि (15 मार्च 2023) एक ही है। मगर प्रतीची में अशुभ है और प्राच्य में मंगलकारी। रोम (इटली) में रक्तर»
इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा अपने परिसर से एक मस्जिद को हटाने के आदेश के खिलाफ अपील सुनते हुए गनीमत है सुप्रीम कोर्ट ने कल»
राजस्थान के लालसोट कस्बे में पढ़ाई के दबाव में दसवीं कक्षा की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली है। फांसी लगाकर जान देने वा»
मानवाधिकार वे मौलिक एवं अन्यसंक्राम्य (Inalienable) अधिकार हैं जो मानव जीवन के लिए आवश्यक हैं. ये वह अधिकार हैं जो प्रत्»
आज के हिन्दू समाज में अनेक विषमताएं हैं. जाती – पाती, उच्च – नीच, वर्ण आदि अनेक ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर अनेकों बार समाज ब»
संविधान सभा में अपने भाषण में बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था, “उन महान व्यक्तियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने में क»