जब सरकार ने रिलायंस की हलक से निकाल लिया बैंकों से लिया कर्ज – इतिहास जनसत्ता का
उस समय भी रिलायंस ने सरकार में कितनी गहरी सुरंग बिछा ली थी यह जानने के लिए विश्वनाथ प्रताप सिंह की पुस्तक ‘मंजिल से ज्या»
उस समय भी रिलायंस ने सरकार में कितनी गहरी सुरंग बिछा ली थी यह जानने के लिए विश्वनाथ प्रताप सिंह की पुस्तक ‘मंजिल से ज्या»
पानी गिर रहा था। बहुत पानी गिर रहा था। बारिश की ये बूंदे उनके आंनद को चरम की ओर ले जा रही थी। ये ‘नई उम्र की नई फसल’ थी»
हिंदी को हिंद के माथे की बिंदी होनी चाहिए थी। क्या माथे की बिंदी बन पाई? सवाल का जवाब नैराश्य भरा है। बिंदी नहीं बन पाई।»
लगभग सौ वर्ष पूर्व 1917 में रूस में साम्यवादियों को सत्ता प्राप्त हुई थी। उससे पहले यूरोप में भी कार्ल मार्क्स और उनकी स»
अभी यूरोपीय जाति की शक्ति का आधार उसकी आर्थिक समृद्धि नहीं, उसकी प्रतिनिधि शक्ति अमेरिका की सामरिक अजेयता है। दूस»
खेती किसानी को लेकर बातें बहुत सारी हो रही। किसानों की समस्याओं के नाम पर आंदोलन हो रहे। या यूं कहें कि इन आंदोलनों के ज»
पिछली लगभग आधी शताब्दी तक पश्चिम के अर्थशास्त्री गैर-यूरोपीय देशों को यह समझाते रहे हैं कि उनकी गरीबी का कारण उनक»
इस देश में लोगों को कैसे शिक्षित किया जाए, जो मानते हैं कि अभी तक लागू मैकाले सिस्टम ने उन्हें अच्छा भविष्य दिया है। ऐसे»
आज यूरोप और अमेरिकी अर्थव्यवस्थाएं ढलान पर हैं। 1970 में समृद्धि का शिखर छू लेने के बाद उनकी आंतरिक ऊर्जा चुक गई»
पौधों और वनस्पति की दुनिया में काम करने वाले जानते हैं कि 16 वीं सदी में पुर्तगाली गार्सिया डि ओर्टा ने पौधों की विभिन्न»
माओवाद से प्रेरित चारू मजूमदार ने 22 अप्रैल 1969 को जिस नक्सली संगठन की घोषणा की थी उसका नाम भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(मा»
मुझे लगता है कि यदि मैं ‘बौद्ध धर्म और आधुनिक बौद्धिकता’ पर कुछ कहता तो अधिकांश लोग गौर नहीं करते। लेकिन गणेश? मुझे हमेश»
चुनावों के दस्तावेजों को देखे, तो पहले निर्दलीय या स्वतंत्र उम्मीदवारों की बडी संख्या होती, उसमें से कई जीत भी जाते थे।»
प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थियों को मिलने वाले ज्ञान यानी लर्निंग आउटकम की बात तो खूब होती थी, लेकिन उसकी व्याख्य»
अभी चंद वर्षों पहले तक जो हाथ नक्सलियों की कंगारू कोर्ट में सरेआम तड़प कर मरने से बचने या अपने परिवारों की महिला सदस्यों»
योगी सरकार संस्कृति के रथ पर सवार है। प्रयाग में कुंभ से पहले चार वैचारिक कुंभा का आयोजन संघ परिवार करने जा रहा है। काशी»
आज यह बात सर्वमान्य लगती है कि पिछली लगभग एक शताब्दी में यूरोपीय शिक्षा का जो स्वरूप उभर कर आया है, वह सबके लिए उ»
उन्नसवीं शताब्दी तक यूरोपीय एक अमर्यादित, आक्रामक और पराक्रमी जाति के रूप में जाने जाते थे। लेकिन बीसवीं सदी में उन्होंन»
एसएन सुब्बाराव से उमेश सिंह की बातचीत तापमान तकरीबन पांच डिग्री सेल्सियस। जल की यात्रा जमाव विंदु की ओर। इस हाडक़पाती ठंड»