रणभेरी थी “जय हिन्द” ! द्रमुक ने उसे अमान्य कर डाला !!
शब्द “जय हिंद” न असंगत है, न बेढब है, बल्कि एक देशभक्त अभिव्यक्ति है। यह सरल सत्य मदुराई हाईकोर्ट (याचिका नं. : 433/2017»
शब्द “जय हिंद” न असंगत है, न बेढब है, बल्कि एक देशभक्त अभिव्यक्ति है। यह सरल सत्य मदुराई हाईकोर्ट (याचिका नं. : 433/2017»
अपनी विलक्षण बालिंग (15 नवंबर 2023) से मोहम्मद शमी ने कई जटिल प्रश्न, कुछ अनबुझी पहेली को जन्माया है। खासकर भारतीय क्रिक»
अवंतिका सम्राट विक्रमादित्य से लेकर गोरखधाम पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ तक बीस सदियां और आठ दशक बीते। अब मोक्षपुरी अयोध्य»
अब तो श्री बनवारीलाल पुरोहित को पंजाब राज्यपाल पद से तत्काल त्यागपत्र दे देना चाहिए। सात महीनों में दूसरी बार सर्वोच्च न»
तीन तलाक के खिलाफ जंग में (1 नवंबर 2023) से तीसरा आयाम भी जुड़ गया है। पहला था शाह बानो की गुजारा भत्ता की लड़ाई वाला।»
तृणमूल कांग्रेस से लोकसभा की सांसद महुआ मोइत्रा मामले की जांच विधिवत शुरू हो गई है। लोकसभा की आचार समिति के समक्ष भाजपा»
मुंबई की टैक्सी, जो अब लुप्त हो जायेगी, के साथ भारत में विरोध की राजनीति का एक ऐतिहासिक अनुच्छेद भी खत्म हो जाएगा। इस»
सज्जनों और सत्पुरुषों का खेल है क्रिकेट। लंबी परिपाटी रही ऐसी ही। मगर इस तेरहवें विश्व कप श्रृंखला के दौरान क्रिकेट में»
कामसूत्र पर साधु समाज में चर्चा ! अथवा निजी पूंजी की श्रेष्ठता पर माओवादी सभा में गोष्ठी ! क्या अभिप्राय होता ? ठीक ऐसा»
मुस्लिम अलगाववाद के नायाब शिल्पी सर सैय्यद अहमद खान का जन्मोत्सव भारत में मनाया जा रहा है। कड़ुए ऐतिहासिक यथार्थ को भुलाक»
चेन्नई के चेपक स्टेडियम को पाकिस्तानी क्रिकेट कप्तान बाबर आजम दूसरा पानीपत नहीं बन सका। अफगन क्रिकेटरों के जेहादी जुनून»
सोनिया-कांग्रेस के नेतृत्ववाले गठजोड़ के नौ महीने भी पूरे नहीं हुए, भ्रूण-निधन के आसार दिख रहे हैं। सर्जरी कमलनाथ ने कर»
अपना सौंवा जन्मदिन मना रहे हैं आज (20 अक्टूबर 2023) केरल के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट नेता वीएस अच्युतानंदन। प्रमुदित हैं,»
चंद्रयान, G-20 के चमक-दमक से लेकर नारी शक्ति वंदन बिल के शोर में घोसी उपचुनाव की हार की समीक्षा दब गईं या सत्ताधारी दल द»
तमिलनाडु में सनातनी देवालयों में अनधिकृत सरकारी हस्तक्षेप पर फिर एक बार सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिबंध लगा दिया है। इसी स»
किसी भी राष्ट्र के जीवन में कठिन दौर तब आता है ज़ब उसकी राजनीति दिशाहीन और राष्ट्रीय हितों के ऊपर सत्ता स्वार्थ को तरजीह»
हर देशभक्त और आस्थावान मुसलमान का धन्नीपुर (अयोध्या) में निर्माणाधीन मस्जिद का वास्तुशिल्प और स्वीकृत-नाम बदल डालने से म»
राहुल गांधी तब (मार्च 1971) मात्र नौ माह के शिशु थे। उनकी दादी इंदिरा गांधी पांचवीं लोकसभा का आम चुनाव लड़ रही थीं। यह द»
क्या है इसमें? यह प्रश्न स्वयं जवाहरलाल कौल ने अपने पाठकों की सुविधा के लिए सबसे पहले उठाया है। स्वाभाविक है कि वे ही इस»