मोदी सरकार की संवैधानिक यात्रा का वर्णन करती पुस्तक ‘CONSTITUTION JOURNEY AN OVERVIEW FROM 2014-2024’
लोकसभा का चुनाव चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी अपने दस साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा जनता के सामने रख रही। मोदी सरकार अपने»
लोकसभा का चुनाव चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी अपने दस साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा जनता के सामने रख रही। मोदी सरकार अपने»
भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत राजद्रोह एक अपराध है.जिसके अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा सांकेतिक, वाचन, लेखन अथव»
ब्रूनो कहते हैं, “बहुमत से सत्य नहीं बदलता है.” सत्ता के लिए सत्य एवं बहुमत के मध्य का संघर्ष कोई नई बात न»
देश संकट में है. ये संकट धार्मिक टकराव का है जो तत्क्षण पैदा नहीं हुआ. यह एक लंबी विवादास्पद ऐतिहासिकता की उपज हैं. इस स»
सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज»
सिद्धांतविहीन अवसरवादिता भारतीय राजनीति का कोढ़ हैं. इसी का एक पहलू राजनीतिक दल-बदल होता है. वास्तव में ये वैचारिक प्रतिब»
भारतीय संविधान के चतुर्थ अध्याय में अनुच्छेद 36 से 51 तक राज्य के नीति- निर्देशक सिद्धान्तों का प्रावधान है, जिन्हें अनु»
पढ़ने वालों को अटपटा लग सकता है लेकिन यह तथ्य सच है। समाज और राजनीति में जो तथ्य प्रचलित है,उसमें यह नाम कहीं दब सा गयाह»
वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय की किताब ‘भारतीय संविधान – अनक»
संविधान को जानने और जांचने की एक कसौटी हमें सामने रखनी चाहिए। वह है-स्वराज। हमारे राष्ट्रीय आंदोलन का दूसरा लक्ष्य यही थ»
मैं आपसे कह रहा था इस संविधान में अच्छी बातें क्या हैं? संविधान का जो मौलिक अधिकार है वह आजादी के आंदोलन की मांग के अनुर»
इसका एक परिणाम यह हुआ कि यूरोप में उभरी अनेक विचारधाओं की छाया स्वाधीनता आंदोलन पर वैचारिक रूप में पड़ी। साम्यवाद, नानारू»
संविधान को जानें। मैं आपसे एक सवाल पूछूं, हम संविधान को क्यों जानें? सवाल कई तरह के होते हैं। कई बार सवाल इसलिए भी पूछे»
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के पक्ष में जिस समय निर्णय आया उसी समय सृष्टि में युग का परिवर्तन हो गया। इस समय कलिकाल चल रहा है»
संविधानवाद के उतार-चढ़ाव में 1935 मील का पत्थर है। उससे जो हमारी संवैधानिक यात्रा शुरू हुई वह इतिहास के अगर-मगर से भरी प»
सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि 1937 के विधानसभा चुनाव में क्या कांग्रेस और मुस्लिम लीग का दृष्टिकोण भिन्न था? अगर भिन्न»
अपना संविधान बनाने की धुन में डूबे रहने के कारण क्या कांग्रेस नेतृत्व ने भारत विभाजन के खतरे को नहीं समझा? 1935 के ब्रिट»
संविधान के लक्ष्य का प्रस्ताव ‘सभी सदस्यों ने खड़े होकर स्वीकार किया।’ यह 22 जनवरी, 1947 की ऐतिहासिक घटना है। उसी से संव»
बहस समापन की ओर बढ़ रही थी। साथ साथ् सहमति के स्वर एक होने लगे थे। संविधान सभा के सदस्य लक्ष्य संबंधी प्रस्ताव का महत्व»