जयपाल सिंह का वह भाषण
संविधान सभा में जयपाल सिंह अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व कर रहे सदस्यों में सबसे बड़ा माना-जाना नाम था। पंडित जवाहरलाल»
संविधान सभा में जयपाल सिंह अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व कर रहे सदस्यों में सबसे बड़ा माना-जाना नाम था। पंडित जवाहरलाल»
कोरोना काल में टेक्नालाजी के किसी भी प्लेट फार्म से अगर आपको संवाद करना है तो दो शब्दों से बच नहीं सकते, म्युट और अनम्यु»
हिंद-प्रशांत क्षेत्र तेजी से अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का नया केंद्र बनता जा रहा है। इसका प्रमाण इस क्षेत्र की चार बड़ी»
भारतीय राजनीति में विपक्ष की भूमिका जिस तेजी से निरर्थक होती जा रही है, वह सबके लिए चिंता का विषय होना चाहिए। नरेंद्र मो»
महात्मा गांधी ने परस्पर विपरीत प्रवृतियों के प्रतिभाशाली व्यक्तियों को स्वाधीनता संग्राम की संघर्ष धारा से जोड़ा।»
कोदंड कठिन चढ़ाइ सिर जट जूट बाँधत सोह क्यों। मरकत सयल पर लरत दामिनि कोटि सों जुग भुजग ज्यों॥ कटि कसि निषंग बिसाल भुज गहि»
लक्ष्य संबंधी प्रस्ताव पर संविधान सभा ने डा. भीमराव अंबेडकर का भाषण दत्तचित्त होकर सुना। इसकी पुष्टि अध्यक्ष डा. राजेंद्»
लद्दाख में भारतीय सेना की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने पाकिस्तान को भी मुश्किल में डाल दिया है। लद्दाख की सीमाएं पाकिस्तान»
1% लोगों ने देश को अपने चंगुल में जकड़ा हुआ है और 10% लोग उनके माया-जाल में जाने- अंजाने फंसे हुए हैं। उन्होंने साफ-साफ क»
पाकिस्तान इस समय अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से गुजर रहा है। लगभग दो वर्ष पहले इमरान अहमद खान नियाजी पाकिस्तान के प्रधानम»
संविधान के लक्ष्य संबंधी प्रस्ताव पर बहस से एक बात साफ-साफ उभरती है। वह उस समय की कड़वी सच्चाई थी। बड़े नेता अखंड भ»
महात्मा गांधी की पत्रिकाएं: नवजीवन, हरिजन, आज, सौराष्ट्र, भारतीय खादी समाचार, खादी जगत, खादी पत्राकार, नई तालीम, सबकी»
किसानों के नाम पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियाँ बेवजह की राजनीति कर किसानों को भड़का रहें हैं |वैसे भी आज कल विपक्»
इसी तरह जाने माने इतिहासकार धर्मपाल की पुस्तक ‘इंडियन साइंस एंड टेक्नालाजी इन दी एटींथ सेंचुरी’ में भारत की उन्नत खेती क»
संविधान सभा के पांचवे दिन पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लक्ष्य संबंधी प्रस्ताव रखा। वे चाहते थे कि उसे संविधान सभा बिना बहस क»
पं. दीनदयाल उपाध्याय के दौर की राजनीति में साम्यवाद और समाजवाद का बोलबाला था। उस समय इनसे भिन्न दीनदयाल जी ने जो विचार द»
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की हत्या एक अबूझ पहेली बनी हुई है। वह शायद ही हल की जा सके। अब तो हाल यह है कि उसे अतीत का एक विस»
बॉलीवुड के नायक नायिकाओं को लाखों लोग अपना आदर्श मानते हैं| उनके द्वारा पर्दे पर दिखाए गए चरित्र को अपने जीवन में»
भारत में धर्म उसे माना गया जिसे सम्पूर्ण समाज ने समाज के सुचारू चलते रहने के लिए मान्यता दे दी? कितना गहरा फर्क है पश्चि»