स्वतंत्रता बनाम स्वराज
कहा जाता है कि ‘स्वतंत्रता’ का प्रस्ताव लॉर्ड बर्कनहेड का माकूल जवाब है। अगर यह बात संजीदगी से कही गई है, तो यह स्पष्ट ह»
कहा जाता है कि ‘स्वतंत्रता’ का प्रस्ताव लॉर्ड बर्कनहेड का माकूल जवाब है। अगर यह बात संजीदगी से कही गई है, तो यह स्पष्ट ह»
आज शाम, भेंट किए गए आपके सुंदर मानपत्र के लिए, मैं आपका आभारी हूं। आपने कहा है, और ठीक ही कहा है कि इस सुंदर द्वीप में म»
सन् 1762 से सन् 1774 के बीच कई फकीर-संन्यासी विद्रोह इतिहास में दर्ज हैं। हिंदू संन्यासी और मुसलिम फकीर अक्सर एक स्थान स»
भारत के पास जो सामाजिक-सांस्कृतिक पूंजी है, उसकी जड़ें बहुत पुरानी हैं। यह सर्वविदित है कि विश्व में चीन और भारत की ही सभ»
देश के बहुत से लोगों के लिए गांधीजी का नाम राम बाण हो गया है। जब भी उन्हें देश के औद्योगिक ढांचे की कोई बुराई नजर आती है»
जंगल महल और मिदनापुर की संथाल, भूमिज और कुर्मी आदिवासी जातियों ने सन् 1760 में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह किया। अंग्रे»
हमें यह समझना होगा कि राष्ट्र केवल भौतिक साधनों से उन्नत नहीं हुआ करते। यदि ऐसा होता तो जापान कभी एक उन्नत राष्ट्र नहीं»
हमारे देवताओं में ज्ञान के देवता हैं और कुछ विज्ञान के। अकेले शिव ही ऐसे हैं जो एक साथ ज्ञान और विज्ञान दोनों के देवता ह»
भारत का प्रथम स्वाधीनता संग्राम सन् 1857 में लड़ा गया। अंगे्रजों के औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध यह पहला संगठित महासमर था। इ»
अपने यहां वैज्ञानिक रुझान की कमी बताने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है। विज्ञान के इन अंध समर्थकों को लगता है कि जैसे विज्ञा»
दुनिया के देशों पर नजर डालें तो कुल 200 से अधिक देश हैं। उनमें से 100 करोड़ से ऊपर की आबादी वाले कुल दो देश हैं- एक चीन,»
अनादिकाल से भारत भूमि एवं भारतीय सभ्यता परमात्मा की विशिष्ट कृपा की पात्र रही है। यह राष्ट्र अनंत प्राकृतिक एवं सभ्यतागत»
सैनिक विद्रोह को 1857 की क्रांति और ‘गदर’ भी कहा जाता है। इस क्रांति के पीछे सामूहिक रूप से अनेक कारण रहे लेकिन एक सैनिक»
युवा राजीव गांधीने प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा था कि वे भारत को पश्चिमी देशों की नकल नहीं बनाना चाहते। अब तक के हर प्रध»
स्वामी आनंद ने 7 अगस्त, 1927 के ‘नवजीवन’ में गुजरात भर के लोगों के वीरोचित कार्यों के बारे में जानकारी जुटाई है। उसमें प»
बड़े खेद का विषय है कि खादी प्रदर्शनी के आयोजन की आवश्यकता महसूस की गई। यह कदापि बधाई देने का विषय नहीं है, क्योंकि आम तौ»
मुझसे जब मुजफ्फरपुर में विद्यार्थियों की एक सभा में भाषण देने को कहा गया तो मैं किसी भी प्रलोभन के बिना राजी हो गया; क्य»
उस समय जैसे आज भी हैं। उस समय एक चर्चा थी कि हिंदुओं का जागरण करने का रास्ता क्या है? आप जानते हैं कि हिंदू सभा के लोग ब»
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते अयोध्या के 84 कोस परिक्रमा मार्ग” को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का फैसला किया था। स»