पराई आधुनिकता

जब 1947 में हमने ब्रिटिश शासन को विदा करके अपनी स्वतंत्रता फिर स्थापित की थी तो अपने मन में यह सोच लिया था कि औपनिवेशिक»

संसदीय इतिहास में दर्ज है कल्याण सिंह और रोमेश भंडारी की बहस

बात है 17 अक्टूबर 1996 की। यह वही दिन था जिस दिन उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा। विधान सभा को निलंबित रखा गया। राज»

चक्रव्यूह के सातवें द्वार को कैसे तोड़ा कल्याण सिंह ने ?

इतिहास पुरूष सदैव चुनौतियों और खतरो से घिरा रहता है। चुनौतियां, खतरे, संकट, घटनाएं, दुर्घटनाएं, उत्थान-पतन और मुश्किलें»

जोशीला भाषण और मजबूत नेतृत्व में अन्तर – दत्तोपंत ठेंगड़ी

खैर उस समय हिंदुत्ववादी व्यक्ति संघ में थे और संघ के बाहर भी थे। और यह बड़े जोशीले थे। डा. जी के भाषण के बाद में हमारे पि»

संघ केवल स्वयंसेवक निर्माण करेगा – दत्तोपंत ठेंगड़ी

1931 में कांग्रेस का आंदोलन हुआ। आंदोलन में डा. जी स्वयं शामिल हुए। डा. जी के साथ संघ के प्रमुख कार्यकर्ता भी थे। लेकिन»

राष्ट्रीय एकात्मता एवं हमारा प्रयास – दत्तोपंत ठेंगड़ी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बहादुर आदमी को कायर बनाता है? यह प्रश्न विचारणीय है। यह आप जो सोचते हैं वह भी सत्य हो सकता है। क»