मीडिया

दास्तां ब्रिटिश व मलयालम दैनिकों की जिन्होंने सेंचुरी ठोकी !

आज (4 मई 2023) दो विश्व-प्रसिद्ध दैनिक समाचारपत्रों की शताब्दी है। भारत (केरल) का राष्ट्रवादी मलयालम दैनिक “मातृभूमि” और»

योगी जी, मीडिया को गटर में न जाने दें ! सरकारी मान्यता नियम लागू हों !!

टीवी रिपोर्टर के छझ वेश में तीन शोहदों द्वारा माफिया अहमद-ब्रदर्स (अतीक और अशरफ) को भून देना, हम श्रमजीवी पत्रकारों के ल»

पत्रकार जिसने रचा इतिहास ! सिर्फ देखा-लिखा ही नहीं : हरीश चंदोला !!

जब 94-वर्षीय पत्रकार हरीश चंदोला का उनके नई दिल्ली-स्थित जोरबाग आवास में निधन (रविवार, 26 मार्च 2023) हुआ तो मैंने सोचा»

भगवान राम तक पहुंचने का माध्यम हैं मां सीता – महंथ गिरीशपति त्रिपाठी

हम लोग जिस परंपरा को मानने वाले हैं उस परंपरा में मिथिला धीर बालिका को शिथिल न होने देने की परवाह है। हमारे पूर्व आचार्य»

रामराज्य का अर्थ है न्याय का राज्य – राहुल देव

भारत में रामराज्य की जो परिकल्पना है उसमें सबसे प्रमुख बात न्याय की आती है। क्योंकि रामराज्य की बात कहने पर एकमात्र घटना»

आखिरी व्यक्ति की चिंता गांधी जी की पत्रकारिता का आधार थी

महात्मा गांधी से बड़ा पत्रकार कोई नहीं। गांधी जी ने छः पत्रिकाओं का संपादन किया। रोज अखबारों में लिखते थे। अपनी लेखनी से»

आखिरी व्यक्ति की चिंता, सत्य का अवलंबन, बोल चाल की भाषा, अपनी भाषा के प्रति लगाव। यही गांधी की पत्रकारिता का सार है-रामबहादुर राय

गांधी की पत्राकारिता पर हम लोग बात करने जा रहे हैं। पहले तो मैं आप लोगों से सवाल पूछता हूं कि गांधी की पत्राकारिता को क्»

प्रभाष प्रसंग में ‘गांधी होते तो क्या करते-नौ सूत्री कार्यक्रम’ विषय पर होगा डा. अभय बंग का व्याख्यान

सर्वोदय विचार के गांधीवादी परिवार में श्री अभय बंग का जन्‍म हुआ। वर्धा, महाराष्‍ट्र में ठाकुरदास और सुमन ब»

लॉकडाउन में महिलाओं के साथ साइबर क्राइम में 65 फीसदी तक की बढ़ोतरी 

कोरोना के चलते देश में भर में चल रहे लॉकडाउन के कारण जहां सोशल मीडिया और इंटरनेट का उपयोग काफी बढ़ा है वहीं, इसको लेकर अ»