भ्रष्टाचार एवं अकर्मन्यता के केंद्र बनते विश्वविद्यालय
जनवादी परंपरा के लेखक मुक्तिबोध अपनी ‘साहित्यिक डायरी’ में लिखते हैं, “दिल्ली से प्रांतीय राजधानियों त»
जनवादी परंपरा के लेखक मुक्तिबोध अपनी ‘साहित्यिक डायरी’ में लिखते हैं, “दिल्ली से प्रांतीय राजधानियों त»
अंततः सर्वोच्च न्यायालय ने नूपुर शर्मा को राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज तमाम प्राथमिकी को दिल्ली स्थानांतरित करने का आदे»
सामान्यतः वामपंथ कोई एक विचारधारा नहीं बल्कि साम्यवाद, समाजवाद, मार्क्सवाद इत्यादि विचाधाराओं का सामूहिक नाम है. वामप»
‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को समग्रता में देखेंगे तो पता चलेगा कि नौसेना विद्रोह उसका विस्तार था। वह अंग्रेजों के ल»
1879 के आर्म्स एक्ट का विरोध करते हुए मद्रास कांग्रेस अधिवेशन के समय बिपिन चंद्र पाल ने कटाक्ष किया था, “मैं आश्वस»
भगवान बुद्ध ने कहा है, “हीनभाव ही श्रेष्ठता का दावेदार बनता है. जो श्रेष्ठ हैं, उन्हें तों अपने श्रेष्ठ होने का पत»
नवगठित उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में दानिश आजाद अंसारी को शामिल किया गया. एक ऐसी पार्टी जिस पर मुस्लिम विरोधी होन»
मंगलवार को दिन भर ये खबर छाई रही कि केंद्र सरकार के निर्देश पर भारत में ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कार्पोरेशन यानी बीबीसी जो»
पुलित्ज़र एवं नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकी उपन्यासकार टोनी मॉरिसन लिखती हैं, “निराश होने के लिए समय नहीं ह»
जर्मन दार्शनिक शोपेनहावर ने इच्छाशक्ति द्वारा दुःखों से मुक्ति की कल्पना की है. वे चाहते हैं कि मानव, मानव का सहभोक्ता ह»
श्रीयुत मा.गोलवलकर (गुरूजी) ने सांप्रदायिकता के विविध स्वरुपों की विवेचना की है. इसमें हिंदू समाज की जीवनधारा के विरुद्ध»
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने एक बार कहा था, “पत्रकारिता कोई पेशा नहीं, यह जन सेवा का माध्यम है. लोकतांत»
जी 20 का गठन वर्ष 1999 के दशक के अंत में वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था | उस समय विशेष रूप से पूर्वी एशिया और»
हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है | हिंदी को हिंदुस्तान में अभी तक राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं»
आशा बड़ी नायाब शक्ति है- आज से बेहतर करने कहने, सोचने, बनाने और बरतने की आशा ! आशा है तो लड़ते हैं, आशा है तो जीतते हैं,»
विपक्षी एकता कोई नई बात नहीं है। पहले विपक्षी एकता का आधार वैचारिक होता था अब यह स्वार्थ आधारित हो गया है। लेकिन»
ऐसा क्या है कि पूरी दुनिया गांधीजी में आज भी रुचि ले रही है? देश-दुनिया की बड़ी समस्याओं के समाधान के लिए उनके विचारों की»
मेरे लिए हर्ष का विषय है कि आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में बाबा विश्वनाथ की नगरी में पहली बार राजभाषा का सम्मेलन राजध»
इंडियन एक्सप्रेस के लिज मैथ्यू और घनश्याम तिवारी ने 10 अगस्त को अलग-अलग विषय पर लेख लिखा है। दोनों पत्रकारों को»