यान जब चांद पर बसेगा, तब इश्को सुखन का क्या होगा ?
प्रेमी जन हेतु आज का दिन संताप का है, संत्रासवाला भी। मगर वैज्ञानिकों के लिए कीर्तिमान है, यशस्वी भी। आज ही के दिन (20»
प्रेमी जन हेतु आज का दिन संताप का है, संत्रासवाला भी। मगर वैज्ञानिकों के लिए कीर्तिमान है, यशस्वी भी। आज ही के दिन (20»
समाचार और प्रचार में घर्षण का मसला मुद्दतों से चला आ रहा है। मीडिया जगत में यह सुर्खियों तथा विज्ञापन के आकार में चर्चित»
एक दौर होता था उसका भी कभी। आतुरता से उसका इंतजार था। उत्कंठा भरा। उतावलेपन की हद तक। व्याकुलता समाए। तब अभिसार फिर परिर»
कार्ल आर. पापर ने अपने लेख ‘द पावर्टी ऑफ हिस्टारिसीज्म’ में लिखा है, इतिहास का कोई अर्थ नहीं होता, क्योंकि इ»
गत दिनों एक संक्षिप्त समाचार, नन्हा सा, मगर राष्ट्र के हित में विशद, दब गया, ओझल ही रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अम»
यह दास्तां है एक ब्रिटिश अभिनेत्री की जिसने न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित ब्राडवे थ्येटर में पुरुष की भूमिका निभाई और पुरस्कार»
स्वामी दयानंद सरस्वती ने सत्य पर प्रकाश डाला। एक पुस्तक बनाई। वह सत्यार्थ प्रकाश है। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा को स»
रोम का एक मीडिया सामंत (नवाब) था सिल्वियो बर्लुस्कोनी। तीन विशाल टीवी चैनल और कई समाचारपत्रों का एक छत्र मालिक, सिनेमा क»
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई खोज कराई है। उसका संबंध महात्मा गांधी से है। जिस ऐतिहासिक घटना को भुला दिया गय»
देश के प्रतिष्ठित पत्रकार एवं आपातकाल सेनानी श्री रामबहादुर राय की ख्याति एक राजनीतिक विश्लेषक एवं खोजी पत्रकार की रही ह»
मुद्रण क्षेत्र में एक अजूबा, प्रकाशन जगत में अचंभा और धर्म साहित्य में अद्भुत है गीता प्रेस, गोरखपुर। इसके शताब्दी वर्ष»
जमीन की मालिकी – किसान जमीन का नूर है। जमीन उसी की है अथवा होनी चाहिए, न कि घर बैठकर खेती करनेवाले मालिक या जमींदा»
अपने विश्वविद्यालय के बारे में अच्छा पढ़कर बड़ा भला लगता है। अपनत्व का एहसास जो गहराता है। इसीलिए पत्रकार साथी जावेद मुस»
ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के अंतिम दिन (24 मई 2023) नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से सख्त दंडात्मक कदम का वादा»
प्रत्येक लोकतंत्र-प्रेमी भारतीय को 52-वर्षीय राहुल गांधी की बात पर गंभीरता से गौर करना चाहिए। उनकी मांग है कि नवीन संसद»
कम्युनिस्टों ने बहुत से बौद्धिक कुचक्र रचे। उनके कुचक्र आज भी जारी हैं। जब उनकी इस धूर्तता से पर्दा उठता है तो बेशर्मों»
G7 शिखर सम्मेलन के मेजबान शहर के रूप में हिरोशिमा का चुनाव अमेरिका और यूरोप के देशों को आइना दिखाने जैसा है | परमाणु»
नाटकाकार भाई प्रदीप घोष एक स्पर्शमणि हैं जो किसी भी कलारूपी धातु को छूते ही कंचन रूप दे देते हैं। उनका यह हूनर है, नै»
बीते 30 अप्रैल को मधु लिमये जन्मशती समापन समारोह का आयोजन दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुआ. ऐसे वैचारिकी आयोजनों म»