एक और रूस-भक्त की हत्या ! नवेलनी का जेल में निधन !!
रूस में राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की तानाशाही से संघर्ष करते जनयोद्धा, वकील एलेक्सी नवेलनी की 16 फरवरी 2024 साइबेरिया क»
रूस में राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की तानाशाही से संघर्ष करते जनयोद्धा, वकील एलेक्सी नवेलनी की 16 फरवरी 2024 साइबेरिया क»
कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी अभी-अभी पूरी हुई है। लोग भूल से गए थे कि कोई कर्पूरी ठाकुर जैसा बड़ा नेता बिहार में अपनी वि»
साहित्य अपने श्रेष्ठतम स्वरुप में यथार्थ से उपजता है. परन्तु इस यथार्थ का परिष्करण कृतिकार की कल्पनाशीलता से ही संभव है.»
9 फरवरी 2024, विश्व पित्सा दिवस था। पित्सा अथवा पिज़्ज़ा यूरोपियन आत्मबंधु है पराठे का। इटली में जन्मा यह पराठा कर्नाटक»
स्वाधीनता संग्राम के उस चरण में मुसलमानों में एक अजीब वैचारिक परिवर्तन हुआ। 19वीं सदी के प्रारंभ में जो ब्रिटिश साम्राज्»
जुलाई,1896 में तत्कालीन बंबई के ‘वाटसन होटल’ में ज़ब लुमियर बन्धुओं ने अपने ‘सिनेमेटोग्राफ’ प्रदर»
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में अंतरिम बजट पेश किया। वित्तमंत्री ने इस बार छठा बजट सदन में पेश किया। मोरारजी देसाई»
आमजन का राम से रिश्ता दशहरा में नये सिरे से जुड़ता है। रामलीला एक लोकोत्सव है जिसमें राम की जनपक्षधरता अभिव्यक्त होती है।»
भारत में एम जे अकबर से अपरिचित शायद ही कोई हो। वे प्रसिद्ध पत्रकार, संपादक, लेखक और राजनीतिक नेता भी हैं। उनकी अन»
नए संसद भवन के लोकसभा और राज्यसभा में दर्शक दीर्घाएं अपेक्षाकृत कम ऊंची संभवत: इसलिए रखी गई हैं कि लोग वहां से सदन की का»
तीन निखालिस सोशलिस्टों, मुलायम सिंह यादव, जॉर्ज फर्नांडिस और अब कर्पूरी ठाकुर, को पद्म पुरस्कार से नवाज कर भाजपाई प्रधान»
22 जनवरी 2024, विशाल राम मंदिर परिसर में एक अति विलक्षण नजारा पेश आया था। हजारों काषायधारी संतों की अगली पंक्ति में एक»
अफ्रीकी स्वतंत्रता सेनानी और अदम्य फोटो पत्रकार पीटर मगुबेन के गत दिनों निधन से वैश्विक संघर्ष का एक अनुच्छेद समाप्त हो»
गोरखपंथ के संत मच्छिंद्रनाथ (मत्स्येंद्र नाथ) की बारह सदी पुरानी समाधि शीघ्र हिंदुओं को वापस मिलेगी। मुंबई से चालीस किलो»
हेमंत शर्मा की “राम फिर लौटे” (प्रभात प्रकाशन) को पढ़ना लाजिमी हैं, अयोध्या के राम से पूर्णतया अवगत होने के हेतु। जो नही»
न्यायपालिका राजनीतिक प्रक्रिया का एक ऐसा अंग है जो सरकार या सत्ता के हाथों में राजनीतिक शक्ति के अत्याधिक संकेन्द्रण की»
1857 की घटनाओं में सैयद अहमद खां न सिर्फ एक सरकारी मुलाजिम की हैसियत से शरीक थे, बल्कि वे सबसे पहले भारतीय थे, जिन्होंने»
चीन के कम्युनिस्ट पड़ोसी और शत्रु वियतनाम को नरेंद्र मोदी ने काफी संवेदनशील ढंग से भारत का प्रगाढ़ मित्र बनाया है, खासकर»
अगले महीने गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली आकर फ्रांसीसी राष्ट्रपति एक कीर्तिमान रचेंगे। फ्रांस अकेला गणरा»