मौन मे डूब गई जन आंदोलन की दमदार आवाज
मानवाधिकार की दमदार आवाज़ अनंताकाश के मौन मे डूब गई। वे बेजुबानो की आवाज थे। खुद चरैवेति-चरैवेति ऋषि परंपरा के अनिकेत थे»
मानवाधिकार की दमदार आवाज़ अनंताकाश के मौन मे डूब गई। वे बेजुबानो की आवाज थे। खुद चरैवेति-चरैवेति ऋषि परंपरा के अनिकेत थे»
गृह मंत्रालय महीनों से चीनी जूम एप से लोगों को आगाह कर रहा है। यह एप विश्वसनीय नही हैं। इसके इस्तेमाल से आपका डाटा सुरक्»
भारत की स्वावलंबी परंपरा – श्री रामबहादुर राय»
हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय के विचार – पत्रकारिता के नए प्रश्न»
भारतीय राज्य व्यवस्था की पुनर्रचना का प्रश्न है बहुत पुराना। राज्य व्यवस्था चाहे भारत की हो या विश्व के किसी देश की हो,»
स्वतंत्र भारत में पहली बार खेती किसानी को केन्द्र में रखकर बजट बनने की शुरूआत हुई। अभी तक होता आया था कि बजट भाषण का 25»
नितिन गडकरी को ऐसे ही रोडकरी नहीं कहते। उन्हें विकास की पटरी पर योजनाओं का खाका खींचना बखूबी आता है। वह अपने कामकाज से इ»
चौथी पंचवर्षीय योजना ने सहकारी समितियों के पुनर्गठन को प्राथमिकता दी। इसका उद्देश्य था अल्पकालीन और मध्यकालीन सहकारी संर»
एक पुरानी कहावत है- ‘मैं सड़क पर हूं।’ इसका सीधा अर्थ तो यह है- ‘इस समय कोई काम नहीं है और मैं बेकार बैठा हू»
खेती किसानी तो भारतीय जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण अंग था। पग पग पर इसकी निशानियां आपको मिलेगी। पुरखों के किस्से भी उसी अती»
इंद्रियाँ है तो उसे रस तो चाहिए ही। रसहीन तो बेरस होता है। सोमपाई तो हमारे पुरखे थे। सोमरस से मिले अद्भुत आनंद का गान अथ»
तबलीगी जमात और इस्लामी इतिहास के सारे विवरण यही दिखाते हैं कि आज स्थितियां बदल गई हैं, मगर इरादा वही है। काफिरी और काफिर»
गांधी जी ग्राम स्वराज्य की बात करते थे। लेकिन नीति नियंताओंं ने गांधी के गांव को भुला दिया था। योगी सरकार की एक जनपद एक»
अब समय है परंपरागत खेती के तरीको की तरफ लौटने का, लेकिन इसमें भी संतुलन की जरूरत है। क्योंकि जितने अन्न की जरूरत हमे होग»
ब्रिटिश हूकूमत से पहले भारत में खेती भारतीय जीवन शैली का परंपरागत अंग था।पशुपालन भी खेती किसानी का हिस्सा था। खेती स्वतं»
दूसरी पंचवर्षीय योजना में भी सहकारिता क्षेत्र पर बल दिया गया। अखिल भारतीय ग्रामीण ऋण सर्वेक्षण समिति की सिफारिशों के आधा»
मनुष्य ने जब खेती करना सीखा होगा तभी वह स्थाई जीवन जीना भी सीखा होगा। हल की लकीरों से ही सभ्याताओं ने भी आकार लिया होगा।»
विश्व में कोरोना वायरस का संक्रमण चीन से हुआ है। लेकिन उसका सबसे घातक प्रभाव अमेरिका और यूरोप के सबसे समृद्ध देशों पर पड़»
प्रो. एम.एन. दास को जिन्ना और विंसटन चर्चिल के पत्रों में एक रहस्यमय पत्र मिला। चर्चिल ने जिन्ना को लिखा था कि वह उन्हें»