‘गीता’ हमारे हृदय और हमारी बुद्धि दोनों को तुष्ट करती है

कुछ दिन पहले, बातचीत के दौरान, मेरे एक मिशनरी मित्र ने पूछ लिया कि यदि भारत वास्तव में आध्यात्मिक रूप से काफी आगे बढ़ा हु»

हिन्दुस्तान का हर एक घर विद्यापीठ है, महाविद्यालय है; मां-बाप आचार्य हैं।

गांधी जी ने गुजरात महाविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर भाषण दिया। यह भाषण गुजराती में था। गांधी जी के इस भाषण को गुजराती न»

हमें सामान्य व्यवहार को बंद करके आपद्-धर्म का आचरण करना चाहिए

आज जो युद्ध चल रहा है, बहुत कम लोग उसके महत्व को जानते होंगे। एक सज्जन ने मुझसे पूछा है कि ‘‘हम जो कार्य कर रहे हैं क्या»

आत्मसंयम, अनुशासन और बलिदान के बिना राहत या मुक्ति की आशा नहीं की जा सकती

गांधी जी ने 20 अक्टूबर 1920 को यंग इंडिया में एक लेख लिखा। इस लेख के जरिए गांधी जी ने प्रशिक्षित स्वंसेवकों की आवश्यकता»