नए धर्मशास्त्र की भूमिका
युवा राजीव गांधीने प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा था कि वे भारत को पश्चिमी देशों की नकल नहीं बनाना चाहते। अब तक के हर प्रध»
युवा राजीव गांधीने प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा था कि वे भारत को पश्चिमी देशों की नकल नहीं बनाना चाहते। अब तक के हर प्रध»
स्वामी आनंद ने 7 अगस्त, 1927 के ‘नवजीवन’ में गुजरात भर के लोगों के वीरोचित कार्यों के बारे में जानकारी जुटाई है। उसमें प»
बड़े खेद का विषय है कि खादी प्रदर्शनी के आयोजन की आवश्यकता महसूस की गई। यह कदापि बधाई देने का विषय नहीं है, क्योंकि आम तौ»
मुझसे जब मुजफ्फरपुर में विद्यार्थियों की एक सभा में भाषण देने को कहा गया तो मैं किसी भी प्रलोभन के बिना राजी हो गया; क्य»
उस समय जैसे आज भी हैं। उस समय एक चर्चा थी कि हिंदुओं का जागरण करने का रास्ता क्या है? आप जानते हैं कि हिंदू सभा के लोग ब»
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते अयोध्या के 84 कोस परिक्रमा मार्ग” को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का फैसला किया था। स»
पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव में कर लेने के पश्चात् वे उच्चशिक्षा हेतु अपने बड़े भाई के साथ नासिक चले आए। नासिक में विना»
1857 के स्वातंत्र्य संग्राम में प्रचंड आघात के फलस्वरूप भारत में कंपनी सरकार के पैर उखड़ गए। 7 नवंबर, 1885 ई. से रानी विक»
अध्यक्ष महोदय, विद्यार्थिगण, भाइयों और बहनों, हमें आचार्य महाराज ने याद दिलाया है कि कांग्रेस ने कलकत्ते में लोगों से ज»
आज जो युद्ध चल रहा है, बहुत कम लोग उसके महत्व को जानते होंगे। एक सज्जन ने मुझसे पूछा है कि ‘‘हम जो कार्य कर रहे हैं क्या»
मद्रास में व्यवस्था और अनुशासन संबंधी अपने अनुभवों के विषय में, मैं लिख ही चुका हूं। रूहेलखंड के दौरे में, मैं भ»
कुछ दिन पहले, बातचीत के दौरान, मेरे एक मिशनरी मित्र ने पूछ लिया कि यदि भारत वास्तव में आध्यात्मिक रूप से काफी आगे बढ़ा हु»
मुझे खुशी है कि आप सब लोग चाहते हैं कि मैं प्रार्थना के अर्थ और उसकी आवश्यकता के बारे में कुछ कहूं। मैं मानता हूं कि प्र»
मैंने यह जो इतनी परीक्षा ली, इसका कारण यह है कि आपकी प्रशंसा मैंने बहुत सुनी थी और अब मैं जो कुछ कहने जा रहा हूं,»
जिन लड़कों का अभी आपसे परिचय करवाया गया, वे मेरे मित्र और साथी कार्यकर्त्ता, स्वर्गीय मोहम्मद काछलिया के पौत्र है»
गांधी जी ने गुजरात महाविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर भाषण दिया। यह भाषण गुजराती में था। गांधी जी के इस भाषण को गुजराती न»
आज जो युद्ध चल रहा है, बहुत कम लोग उसके महत्व को जानते होंगे। एक सज्जन ने मुझसे पूछा है कि ‘‘हम जो कार्य कर रहे हैं क्या»
गांधी जी ने 20 अक्टूबर 1920 को यंग इंडिया में एक लेख लिखा। इस लेख के जरिए गांधी जी ने प्रशिक्षित स्वंसेवकों की आवश्यकता»
गांधी जी ने गुजराती के नवजीवन, 3-10-1920 अंक मेंं असहयोग पर लिखा। इस लेख के इस वाक्य से इसका सार समझ सकते हैं।अगर शिक्षक»