ब्रह्मपुत्र पर इतिहास रचा गया ! चीन जरूर व्यथित रहा होगा !!
सीमांत ग्राम किबिथु (अरुणाचल) से करीब 800 किलोमीटर दूर राजधानी गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के पलाशबारी और सुआलकुची तट»
सीमांत ग्राम किबिथु (अरुणाचल) से करीब 800 किलोमीटर दूर राजधानी गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के पलाशबारी और सुआलकुची तट»
आज १४ अप्रैल. डॉ. बाबासाहब आंबेडकर जी की जयंती. अनेक राज्यों में चुनाव का माहौल हैं. कांग्रेस के नेता आज डॉ. आंबेडकर जी»
जी.आर. एल्टन लिखते हैं, ‘प्रतीक पीढ़ी अपने दृष्टिकोण से सामाजिक आवश्यकतानुसार अतीत की व्याख्या करती है, उसी प्रकार»
यह शोक-सूचना है, एक शौर्य दास्तां भी, उस अमेरिकी यहूदी वकील की जिसने दस लाख बेगुनाह नागरिकों की नृशंस हत्या के दोषी हिटल»
माफिया अतीक अहमद के हत्यारे-पुत्र असद अहमद को मारकर योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने 48 दिनों बाद पीड़िता को नैसर्गिक न्याय दिल»
१९१९ की १३ अप्रैल को बैसाखी थी. रविवार का दिन था. रौलेट एक्ट के विरोध में सारे देश में प्रदर्शन हो रहे थे. उसी शृंखला मे»
बड़ी याद आती है जवाहरलाल नेहरू की। भले ही आज न तो उनकी पुण्यतिथि है, न जयंती। फिर कवि प्रदीप की पंक्ति कौंध जाती है : “ज»
आत्मनिर्भरता या आत्मावलंबन का अर्थ है स्वयं पर भरोसा करना, या स्व पर निर्भरता. आत्मनिर्भरता के चार आयाम होते हैं, आर्थिक»
आजादी के साढ़े सात दशक बाद भारतीय मीडिया आज भी अंग्रेजी औपनिवेशिक प्रवृत्ति से ग्रस्त है, गाफिल है। विदेश के समाचार-प्रका»
हायतोबा बड़ा मच गया फिर, जब हाल ही में सुर्खियों में खबर आई कि इतिहास की पुस्तकों में से मुगल काल हटा दिया गया है। यह वा»
कौन कहता है कि यूरोपीय संसद में रिश्वतखोरी नहीं होती ? ऐसी बदचलनी केवल भारतीय संसद में ही नहीं होती। कल (11 दिसंबर 202»
दिनांक 1 अप्रैल को भोपाल में हुतात्मा हेमू कालानी जन्मशताब्दी समारोह संपन्न हुआ. इस समारोह में विदेशों से भी अनेक सिंधी»
चिरतारुण्य के देवता महावीर हनुमान के धरा पर अमरत्व का वरदान पाने वाली दिव्य विभूतियों में होती है। रुद्रांश हनुमान न»
तब तक टीवी ने हम लोगों की शाम को बख्श दिया था। ईजाद ही नहीं हुआ था। मोबाइल ने दिनरात हड़पे नहीं थे। वह भी नहीं बना था। उ»
मातृत्व एक अनमोल अनुभूति है | दायित्वबोध और स्नेह- सम्भाल के ताने-बाने से बुनी संसार की सबसे सुंदर ज़िम्मेदारी | भारतीय»
भारत की आध्यात्मिक धरती पर समय-समय पर अनेक अवतारी सत्ताओं, संतों और महापुरुषों ने जन्म लेकर देशकाल की तदयुगीन परिस्थितिय»
मुंबई में सवा सौ वर्ष पुराना रेस कोर्स आज सत्ता संघर्ष से घिर गया है। राज्य शासन, न्यस्त स्वार्थी तत्व तथा सियासती पार्»
बीते शुक्रवार ३१ मार्च को विद्वता का अद्भुत संगम हुआ. अवसर था श्री देवेन्द्र स्वरुप के पांचवे स्मारक व्याख्यान का . कार्»
भारतीय व्याध्र का क्रूरतम शत्रु है पड़ोसी चीन, केवल हमारी हिमालयी सीमाओं पर ही नहीं। इस कम्युनिस्ट राष्ट्र के बाद इस»