ब्रह्मपुत्र पर इतिहास रचा गया ! चीन जरूर व्यथित रहा होगा !!

  सीमांत ग्राम किबिथु (अरुणाचल) से करीब 800 किलोमीटर दूर राजधानी गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के पलाशबारी और सुआलकुची तट»

हिटलरी कमांडर कांपते थे उस यहूदी सार्जेंट के टाइपराइटर से !!

यह शोक-सूचना है, एक शौर्य दास्तां भी, उस अमेरिकी यहूदी वकील की जिसने दस लाख बेगुनाह नागरिकों की नृशंस हत्या के दोषी हिटल»

विनाशपर्व

१९१९ की १३ अप्रैल को बैसाखी थी. रविवार का दिन था. रौलेट एक्ट के विरोध में सारे देश में प्रदर्शन हो रहे थे. उसी शृंखला मे»

अरुणाचल अब शोकांतिका नही रहा ! अलबत्ता तिब्बत तो त्रासदी है !!

बड़ी याद आती है जवाहरलाल नेहरू की। भले ही आज न तो उनकी पुण्यतिथि है, न जयंती। फिर कवि प्रदीप की पंक्ति कौंध जाती है : “ज»

कब प्रौढ़ होंगे हमारे मीडियाकर्मी ? बलूच बागी को अपना बिरादर मानें !!

आजादी के साढ़े सात दशक बाद भारतीय मीडिया आज भी अंग्रेजी औपनिवेशिक प्रवृत्ति से ग्रस्त है, गाफिल है। विदेश के समाचार-प्रका»

सर्कसी शेर की अब धुंधली याद ही है ! न भालू रहा, न हाथी, बस घोड़ा बचा !

 तब तक टीवी ने हम लोगों की शाम को बख्श दिया था। ईजाद ही नहीं हुआ था। मोबाइल ने दिनरात हड़पे नहीं थे। वह भी नहीं बना था। उ»

बेबी बंप फोटोशूट – मातृत्व के भाव-चाव का अजीबोगरीब प्रदर्शन

मातृत्व एक अनमोल अनुभूति है |  दायित्वबोध और स्नेह- सम्भाल के ताने-बाने से बुनी संसार की सबसे सुंदर ज़िम्मेदारी | भारतीय»

जो अहिंसक है, वही मानव है : महावीर जयंती ( 4 अप्रैल) पर विशेष

भारत की आध्यात्मिक धरती पर समय-समय पर अनेक अवतारी सत्ताओं, संतों और महापुरुषों ने जन्म लेकर देशकाल की तदयुगीन परिस्थितिय»

कब तक दौड़ सकेंगे घोड़े मुंबई के विवादित महालक्ष्मी रेसकोर्स पर ?

 मुंबई में सवा सौ वर्ष पुराना रेस कोर्स आज सत्ता संघर्ष से घिर गया है। राज्य शासन, न्यस्त स्वार्थी तत्व तथा सियासती पार्»

विद्वता का आयोजन ; देवेन्द्र स्वरुप स्मारक व्याख्यान

बीते शुक्रवार ३१ मार्च को विद्वता का अद्भुत संगम हुआ. अवसर था श्री देवेन्द्र स्वरुप के पांचवे स्मारक व्याख्यान का . कार्»

चीन से बाघ को बचाना है ! इंदिरा ने पाला था, मोदी ने पोसा है !!

   भारतीय व्याध्र का क्रूरतम शत्रु है पड़ोसी चीन, केवल हमारी हिमालयी सीमाओं पर ही नहीं। इस कम्युनिस्ट राष्ट्र के बाद इस»