एक सच्चे कम्युनिस्ट ने सौ साल पूरे किये ! भ्रष्ट माकपायी दुखी !!
अपना सौंवा जन्मदिन मना रहे हैं आज (20 अक्टूबर 2023) केरल के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट नेता वीएस अच्युतानंदन। प्रमुदित हैं,»
अपना सौंवा जन्मदिन मना रहे हैं आज (20 अक्टूबर 2023) केरल के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट नेता वीएस अच्युतानंदन। प्रमुदित हैं,»
चंद्रयान, G-20 के चमक-दमक से लेकर नारी शक्ति वंदन बिल के शोर में घोसी उपचुनाव की हार की समीक्षा दब गईं या सत्ताधारी दल द»
तमिलनाडु में सनातनी देवालयों में अनधिकृत सरकारी हस्तक्षेप पर फिर एक बार सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिबंध लगा दिया है। इसी स»
किसी भी राष्ट्र के जीवन में कठिन दौर तब आता है ज़ब उसकी राजनीति दिशाहीन और राष्ट्रीय हितों के ऊपर सत्ता स्वार्थ को तरजीह»
हर देशभक्त और आस्थावान मुसलमान का धन्नीपुर (अयोध्या) में निर्माणाधीन मस्जिद का वास्तुशिल्प और स्वीकृत-नाम बदल डालने से म»
राहुल गांधी तब (मार्च 1971) मात्र नौ माह के शिशु थे। उनकी दादी इंदिरा गांधी पांचवीं लोकसभा का आम चुनाव लड़ रही थीं। यह द»
क्या है इसमें? यह प्रश्न स्वयं जवाहरलाल कौल ने अपने पाठकों की सुविधा के लिए सबसे पहले उठाया है। स्वाभाविक है कि वे ही इस»
यूरोप और अमेरिका में अफ्रीकी अश्वेतों को गुलाम बनाने की प्रथा से भी निकृष्टतम व्यवस्था रही जमींदारी। आजादी के तुरंत बाद»
कांग्रेस की मति लंबे समय से विपरीत चल रही है। इसका एक उदाहरण इसी महीने मिला। कांग्रेस कार्यसमिति ने एक देश-एक चुनाव को ‘»
कई वर्षों बाद काशी में कल (15 सितम्बर 2023) भगवान विश्वनाथ के दर्शन मुझे हुए। शिवलिंग को स्पर्श करने का पुण्य भी मिला।»
फिर एक बार पुष्टि हो गई कि ब्रिटिश साम्राज्यवादियों की अवैध औलाद है इस्लामी पाकिस्तान। उसके संस्थापक मियां मोहम्मद अली ज»
संसद की नई इमारत में कार्यवाही मंगलवार से शुरू हुई. पहले दिन क़ानून मंत्री ने महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पेश किया.इस व»
गणेशकथा हम श्रमजीवी पत्रकारों के लिये रूचिकर वाकया है। सृष्टि के सर्वप्रथम लेखक और उपसम्पादक गणेश हैं। यूं तो देवर्षि ना»
भारत के 21 करोड़ गरीब लोग अब बेहतर जीवन बसर कर पाएंगे। राष्ट्र के 28 राजनैतिक दलों के (भाजपा-विरोधी) 63 नेताओं ने संकल्प»
नई दिल्ली में जी-20 एक इतिहास रचने जा रहा है. मात्र इसलिये नही की भारत ने इस समिट के लिये सर्वोत्कृष्ट व्यवस्था की है. इ»
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है, ‘भारतीय संस्कृति के इन दो शब्दों-वसुधैव कुटुंबकम् में एक गहरा दार्शनिक विचार समाहि»
कम्युनिस्ट चीन भी अब भली-भांति समझ गया कि भारत आज 1962 वाला नही है, जो वह धमकियों से खौफ और संत्रास में पड़ जाए। चीन ने»
1947 में अखंड भारत के वक्षस्थल को मजहबी उन्माद की तलवार से चीर कर इस्लामिक अधिकृत क्षेत्र का निर्माण किया गया. रातों-रात»
यह हूक असंख्य भारतभक्तों की छाती को सालती रहती है। एक हुंकार जो मोदी सरकार से अपेक्षित राष्ट्रवादिता से संतुष्ट न होकर ख»