कम्युनिस्ट कुचक्र में कांग्रेस
विगत एक – डेढ़ दशकों से देश की सबसे पुरानी पार्टी का शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व वामपंथ के मोह में जकड़ा हुआ है। राहुल गा»
विगत एक – डेढ़ दशकों से देश की सबसे पुरानी पार्टी का शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व वामपंथ के मोह में जकड़ा हुआ है। राहुल गा»
भारत में चुनाव को लोकतंत्र के महापर्व के तौर पर देखा जाता है। यहां पर चुनावों के दौरान विविध पृष्ठभूमि के उम्मीदवार चुना»
एक सुखद अन्वेषण है जर्मनी और हालैंड के शोधकर्ताओं का कि आशीर्वाद देने से अवसाद, चिंता, दर्द आदि कम हो जाते हैं। बुजुर्गो»
संसदीय निर्वाचन के दौरान सूनसान दक्षिणी द्वीप कच्छ्तिवु भी सुनामी की भांति खबरों में उमड़ पड़ा है। आखिरी बैलेट पर्चा मतपे»
लोकसभा चुनाव में नए कलेवर में एक पुराना विवाद अब वागवितंडा के आयाम लिए सर्जा है। बांग्लाभाषियों का आग्रह है कि नेताजी सु»
दिल को बहुत नीक लगा। बड़ा मनभावन भी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दिल्ली में ओजस्वी बयान था : “आतंकी को पाकिस्तान म»
वर्षा का मौसम आए तो दादर न टर्राए ? ठीक ऐसे ही कतिपय प्रत्याशी भी ऐन चुनाव के वक्त ही उपजते हैं। गंभीर और कड़वाहटभरी राज»
अंततः अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही भाजपा का राजयोग सुनिश्चित हो गया उधर राहुल गाँधी अपनी चुनावी यात्र»
यूं तो सिंदूर लगाना अब केवल मान्य संस्कारिक रिवायत है। क्रमशः हिंदुओं में यह प्रतीकात्मक भी हो गई। मगर इंदौर के परिवार क»
इस बार के लोकसभा चुनाव में राष्ट्र के सबसे खास दामाद रॉबर्ट वाड्रा अदृश्य हैं। पिछली बार अमेठी मे बड़े सक्रिय थे। नेहरू-प»
अमूमन हर चुनाव की ऐन बेला पर किसी न किसी राजनेता का यौन प्रकरण उछलता ही रहता है। इस बार तृणमूल सांसद लावण्यवती महुआ मोइ»
प्रख्यात संपादक, जानेमाने स्वाधीनता-सेनानी और प्रथम संसद (राज्य सभा) के सदस्य (1952), श्री कोटमराजू रामा राव अपने दौर के»
गत सप्ताह इस महान वैज्ञानिक पर बनी फिल्म ओपरहाइमर को सात प्रतिष्ठित ऑस्कर पुरस्कार से हॉलीवुड में नवाजा गया। सात दशकों ब»
2024 के आम चुनाव की तैयारियों ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. इस रणभूमि की मौजूदा स्थिति यह है कि सत्तापक्ष अपने कील-कां»
अठारहवीं लोकसभा के मतदान में अठारह वर्ष के करीब दो करोड़ नवपंजीकृत वोटर होंगे। बड़ा दारोमदार इस समूह पर होगा, अगली भारत स»
मुंबई में फलों का राजा आम गत सप्ताह ही प्रगट हो गया है। हालांकि माह फरवरी ही है। वह पड़ोसी गोवा से आता है। चेन्नई में तो»
कौन यहां किसका अपना ,है जग केवल कोरा सपना है , छलना तो केवल छलना है , साँसों के हर तार बंधे हैं , जीवन को बरबस जलना है »
हम श्रमजीवी पत्रकारों की नजर में संपादक अज्ञेय आज (07 मार्च 2024) 113वीं जयंती है। एक रूमानी व्यक्ति रहे। कथित प्रगतिशील»
उन इस्लामी प्रबुद्धजनों का साथ हर देशप्रेमी भारतीय को देना चाहिए जिन्होंने (4 मार्च 2024) को एक जन-अभियान चलाया। इसमें»