*टुकडे टुकडे पाकिस्तान / २*
१४ अगस्त १९४७ को पाकिस्तान बनने के बाद, पाकिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे घनी बसाहट वाला प्रदेश (राज्य) था – पूर्वी बंगाल. प»
१४ अगस्त १९४७ को पाकिस्तान बनने के बाद, पाकिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे घनी बसाहट वाला प्रदेश (राज्य) था – पूर्वी बंगाल. प»
पाकिस्तान’ यह आधी-अधूरी संज्ञा हैं. इस देश का पूरा नाम हैं – ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ पाकिस्तान’. (اسلامی جمہوریہ پاکستان»
श्रीनगर घाटी से आयी खबर (29 जुलाई 2023) दैनिकों में खूब शाया हुई। बड़ी भली और नीक लगी। तीन दशकों बाद अल्पसंख्यक शियाओं»
मणिपुर पर सोशल मीडिया में उठा तूफान शांत हुआ सा लग रहा है. पिछले 5 दिनों में इस घटना ने देश में बवंडर सा खड़ा कर दिया था»
यह फसाना (दास्तां) है दो विश्वास मत वाले प्रस्तावों की। दोनों घटनाओं में पंद्रह साल का फासला है। महीना वही जुलाई (22 जुल»
तारीख 24 जुलाई, सुबह का समय। मोबाइल पर आर.के. सिन्हा की आवाज। वे सूचना देते हैं कि मदनदास का देहांत हो गया है। वे पूछते»
बेजान होती सोनिया-कांग्रेसी विपक्ष की सांसे लौट आयीं। श्रेय जाएगा असमिया लोकसभाई गौरव गोगोई को। इस 40-वर्षीय युवा कांग्»
मणिपुर घाटी में रिसते लहू की छीटों से ढाई हजार किलोमीटर दूर संसद भवन अभी लाल नहीं हो पाया ! कारण ? वहां लोग पड़ताल कर रहे»
मद्रास हाईकोर्ट की संपूर्ण पीठ (57 न्यायमूर्तिजन) ने निर्दिष्ट किया है कि तमिलनाडु तथा पुडुचेरी के कोर्ट परिसरों से डॉ.»
भोले शिवशंकर की नगरी काशी के ज्ञानवापी विवाद पर न्यायिक निर्णय कल (21 जुलाई 2023) आ गया। जिला न्यायधीश डॉ. अजय कृष्ण वि»
भाजपायी अत्यंत प्रफुल्लित हो रहे होंगे। उनकी किस्मत से सोनिया-कांग्रेस के छीकें में सूराख पड़ गई। फूटना शेष है। बेंगलुर»
प्रेमी जन हेतु आज का दिन संताप का है, संत्रासवाला भी। मगर वैज्ञानिकों के लिए कीर्तिमान है, यशस्वी भी। आज ही के दिन (20»
समाचार और प्रचार में घर्षण का मसला मुद्दतों से चला आ रहा है। मीडिया जगत में यह सुर्खियों तथा विज्ञापन के आकार में चर्चित»
वरिष्ठ समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा महात्मा गाँधी की नैतिक-आध्यात्मिक विचारधारा पर आधारित अपनी चर्चित किताब ‘न»
कभी एक लोकोक्ति सुनी थी : “जिसने लाहौर नहीं देखा, उसने कुछ भी नहीं देखा।” इसी को तनिक फिराकर पेश करूं : जिस चैनल पत्रका»
इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, क्षेत्रीय केन्द्र वाराणसी द्वारा महात्मा गाँधी तथा लोकनायक जयप्रकाश की अमूर्त विरास»
इस वर्ष का ‘प्रभाष प्रसंग’ एक यादगार होगा। यह निरंतरता में चौदहवां है। प्रभाष जी अपने जीवन के 72वें साल में दृष्य जगत से»
सदियों से अंधेरे महाद्वीप बने रहे अश्वेत अफ्रीका के करोड़ों जन को एक सूत्र में पिरोने वाली जुबान स्वाहिली का आज प्रथम “अ»
आतंकी विषय-वस्तु पर एक नई फिल्म “बहत्तर हूरें” नई दिल्ली के जेएनयू (नेहरू विश्वविद्यालय) में कल (मंगलवार, 4 जुलाई 2023)»