स्मृति शेष

अमीन सयानी की स्मृति में… क्या थे वे दिन ? गीतमाला वाले !

उन दिनों अमूमन अखबारों के दफ्तर में देर शाम फोन की घंटी बजती थी (तब मोबाइल नहीं जन्मा था), तो अंदेशा होता था कि “कुछ तो»

वैचारिक पत्रकारिता के अपराजेय योद्धा थे शीतला सिंह

अद्भुत जिजीविषा के धनी थे कीर्ति शेष सम्पादक/पत्रकार शीतला सिंह। उनमें विचारों की भट्टी सदा धधकती रही। वे एक विशेष प्रका»

तारेक फतेह : जांबाज पत्रकार जिसे जनरल जिया न तोड़ पाये, नहीं रहे.

पाकिस्तान हमेशा से ही अपने इस मशहूर पत्रकार की मौत चाहता रहा। कल ( 24 अप्रैल 2023 ) तारेक फतेह चले गए। कैंसर से रुग्ण थे»