अज्ञेय — एक सम्मोहक शख्सियत
हम श्रमजीवी पत्रकारों की नजर में संपादक अज्ञेय आज (07 मार्च 2024) 113वीं जयंती है। एक रूमानी व्यक्ति रहे। कथित प्रगतिशील»
हम श्रमजीवी पत्रकारों की नजर में संपादक अज्ञेय आज (07 मार्च 2024) 113वीं जयंती है। एक रूमानी व्यक्ति रहे। कथित प्रगतिशील»
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में कस्तूरबा गांधी की पुण्यतिथि निराले ढंग से मनाई गई। यह अवसर विशेष बन गया। गांधी जी»
पिछली सदी में एक साहित्यसेवी हुये थे। नाम था ”कान्त”। कुशवाहा कान्त। पाठक उनके असंख्य थे। सभी उम्र के। गत वर»
उन दिनों अमूमन अखबारों के दफ्तर में देर शाम फोन की घंटी बजती थी (तब मोबाइल नहीं जन्मा था), तो अंदेशा होता था कि “कुछ तो»
तारीख 24 जुलाई, सुबह का समय। मोबाइल पर आर.के. सिन्हा की आवाज। वे सूचना देते हैं कि मदनदास का देहांत हो गया है। वे पूछते»
इस वर्ष का ‘प्रभाष प्रसंग’ एक यादगार होगा। यह निरंतरता में चौदहवां है। प्रभाष जी अपने जीवन के 72वें साल में दृष्य जगत से»
अद्भुत जिजीविषा के धनी थे कीर्ति शेष सम्पादक/पत्रकार शीतला सिंह। उनमें विचारों की भट्टी सदा धधकती रही। वे एक विशेष प्रका»
प्रकाश सिंह बादल को इतिहास सदैव याद रखेगा। खासकर आपातकाल (1975-77) के तीव्रतम विरोधी के रोल में। उनका शिरोमणि अकाली दल त»
पाकिस्तान हमेशा से ही अपने इस मशहूर पत्रकार की मौत चाहता रहा। कल ( 24 अप्रैल 2023 ) तारेक फतेह चले गए। कैंसर से रुग्ण थे»