विदेश

इस्लाम-विरोधी डच नेता जीता ! घुसपैठियों से मुक्ति का वादा !!

 पश्चिमोत्तर यूरोप में बसे पौने दो करोड़ आबादी वाले राष्ट्र दि नीदरलैंड के प्रस्तावित दक्षिणपंथी उग्रवादी प्रधानमंत्री सा»

*टुकडे टुकडे पाकिस्तान / ११* *बलूचिस्तान – सतत संघर्ष / ३*

बलुचोंका पहला संघर्ष १९५५ तक चला. बाद में १९५८ – १९५९ में दूसरी बार बलूच लोगों ने विद्रोह किया. तीसरा संघर्ष साठ के दशक»

*टुकडे टुकडे पाकिस्तान / १०* *बलूचिस्तान – सतत संघर्ष / २*

बलूचिस्तान को प्रकृति ने बहुत कुछ दिया हैं. विस्तीर्ण भू प्रदेश हैं, जिसमे रेगिस्तान हैं, जंगल हैं, दर्रे हैं, समंदर हैं»

*टुकडे टुकडे पाकिस्तान / ९* *पाकिस्तान का टूटता तारा – बलूचिस्तान / १*

बलूचिस्तान. पाकिस्तान का, फैलाव की दृष्टि से, या क्षेत्रफल की दृष्टि से, सबसे बड़ा राज्य. पाकिस्तानी जमीन का ४४% हिस्सा स»

तुर्किया की हुकूमत सिहर गई छोकरे द्वारा बनाई गई मूंछों से !!

इस्लामी तुर्की के बारहवें राष्ट्रपति साठ-वर्षीय कट्टरवादी रजब तैयब इर्दुगान शायद अरबी शब्दों रहीम (दयालु) और रहमत (कृपा)»

कनाडा में भी “अपणा मानुष” ! खालिस्तानियों ! बच के रहना !!

 पश्चिम में अब फिर एक और भारतीय मूल का राजनेता उभरा है। अटकलें शुरू हो गईं कि कनाडा का प्रधानमंत्री वह संभावित बन सकता ह»

इमरान खान गिरफ्तार, गृह युद्ध के मुहाने पर पाकिस्तान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री एवं तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर गिरफ्तार कर»

हॉलीवुड के हड़ताली लेखकों की मांग : “उचित वेतन तो पूरा काम” !

हॉलीवुड खामोश है। सारे स्टूडियो निस्तब्ध, कैमरा निस्पंद, कलाकार निश्चेष्ट ! सांता मोनिका पर्वत श्रृंखलाओं से टकराती प्रश»

राजनाथ सिंह की मालदीव यात्रा से चीन, पाकिस्तान में खलबली !

  इस्लामी द्वीप-गणराज्य मालदीव की विदेश मंत्री बैरिस्टर श्रीमती मारिया अहमद दीदी से कल (1 मई 2022) राजधानी माले में वार्»

तुर्की के “गांधी” से बंधी आस ! भारत की उत्कंठा है चुनाव में !!

 इस्लामी तुर्की फिर से और उदार सेक्युलर गणराज्य हो सकता है। एक पखवाड़े बाद (14 मई 2023) राष्ट्रपति निर्वाचन होगा। इस पद क»

रूस में जंगे-आजादी का एक नया दौर ! पत्रकार कारा-मुर्जा बनाम पुतिन !!

रूसी पत्रकार व्लादिमीर कारा-मुर्जा को मास्को की अदालत ने कल (17 अप्रैल 2023) पच्चीस साल की कठोर सजा दे दी। गुनाह बस इतना»

कब प्रौढ़ होंगे हमारे मीडियाकर्मी ? बलूच बागी को अपना बिरादर मानें !!

आजादी के साढ़े सात दशक बाद भारतीय मीडिया आज भी अंग्रेजी औपनिवेशिक प्रवृत्ति से ग्रस्त है, गाफिल है। विदेश के समाचार-प्रका»