डॉक्टर हेडगेवार जी का हिंदुत्व..!
किसी व्यक्ति के कार्य का मूल्यांकन करना है, या उस व्यक्ति ने किये हुए कार्य का यश – अपयश देखना हैं, तो उस व्यक्ति»
किसी व्यक्ति के कार्य का मूल्यांकन करना है, या उस व्यक्ति ने किये हुए कार्य का यश – अपयश देखना हैं, तो उस व्यक्ति»
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 2025 में अपने 100 वर्ष पूरे कर रहा है संघ भारतीय ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा गैर राजनैतिक संगठन»
अक्टूबर माह देश में विशेष रूप से गाँधी जयंती के लिए जाना जाता हैं. पिछले सौ वर्षों से भी अधिक समय से वे देश-»
हीगेल के अनुसार, “चेतना सार्वभौमिक एवं अनश्वर है. प्रत्येक युग की ऐतिहासिक घटनाएं चेतना द्वारा प्रभावित होती हैं.&»
लोकनायक जयप्रकाश नारायण– “शायद आपको मालूम हो, श्री सुभाषचंद्र बोस ने शोनान (सिंगापुर) में एक अस्थाई स्वतंत»
दिल्ली के लाल किला पर राजा शिव छत्रपति महानाट्य होने जा रहा है। यह महनाट्य 2 से 6 नवंबर को होगा। यह समय महत्वपूर्ण है। न»
जब कोई बड़ा संकट आ जाता है तो जल्दी में कुछ रास्ता नहीं निकलता। एक उदाहरण मेरे सामने आता है। लहर है। समय-समय पर हर देश मे»
15 मार्च 1948 को रचनात्मक कार्यकर्ता सम्मेलन में कृपलानी का भाषण हुआ। कृपलानी अपने उस भाषण में पुराने विचार और तरीकों का»
ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध तमार जनजातीय विद्रोह सन् 1789 से 1832 के बीच सात बार भड़का। अंग्रेजों की शह पर जमींदार, साहूकार»
बात है 17 अक्टूबर 1996 की। यह वही दिन था जिस दिन उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा। विधान सभा को निलंबित रखा गया। राज»
इतिहास पुरूष सदैव चुनौतियों और खतरो से घिरा रहता है। चुनौतियां, खतरे, संकट, घटनाएं, दुर्घटनाएं, उत्थान-पतन और मुश्किलें»
आचार्य, अध्यापकगण, विद्यार्थियों, भाइयों और बहनों, इस विश्वविद्यालय में मैं पहली बार नहीं आया हूं, इससे पहले भी आ चुका ह»
दीनबंधु एंड्रयूज न केवल एक भले अंग्रेज हैं तथा उन्होंने इस देश के लिए न केवल अपना सर्वस्व निछावर किया है बल्कि वे एक कला»
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बहादुर आदमी को कायर बनाता है? यह प्रश्न विचारणीय है। यह आप जो सोचते हैं वह भी सत्य हो सकता है। क»
अंग्रेजी शासन के दौरान आदिम जाति को तुच्छ दृष्टि से देखा जाता था। बाहरी लोग जबरदस्ती उनके पारंपरिक इलाकों को हथियाने लगे»
अपनी अद्वितीय प्राकृतिक संपदा, विपुल मानव संसाधन, अकूत सामाजिक-सांस्कृतिक पूंजी तथा समृद्ध विरासत के बावजूद भारत की गिनत»
सन् 1762 से सन् 1774 के बीच कई फकीर-संन्यासी विद्रोह इतिहास में दर्ज हैं। हिंदू संन्यासी और मुसलिम फकीर अक्सर एक स्थान स»
देश के बहुत से लोगों के लिए गांधीजी का नाम राम बाण हो गया है। जब भी उन्हें देश के औद्योगिक ढांचे की कोई बुराई नजर आती है»
जंगल महल और मिदनापुर की संथाल, भूमिज और कुर्मी आदिवासी जातियों ने सन् 1760 में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह किया। अंग्रे»