नज़रियाः ‘सरकार सोशल मीडिया की निगरानी नहीं, जवाबदेही तय करे

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वो सोशल मीडिया पर निगरानी करने की अपनी योजना से पीछे हट गई है.

सरकार ने कहा है कि वो सोशल मीडिया पर किए जा रहे पोस्ट्स पर नज़र रखने के लिए ख़ास हब बनाने के प्रस्ताव वाली अपनी अधिसूचना को वापस ले रही है.

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की विधायक महुआ मित्रा की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह कहा है.

इस याचिका में उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार सोशल मीडिया हब बना कर भारत की जनता की ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र भी रख सकती है जो प्राइवसी के अधिकार का हनन है.

सुप्रीम कोर्ट में चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी.

याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल इस मामले की पैरवी कर रहे थे
सुप्रीम कोर्ट में जब 13 जुलाई को यह मामला आया था तो कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि सरकार का यह कदम भारत को ‘सर्विलांस स्टेट’ (यानी निगरानी राज) बनाने जैसा होगा और साथ ही इसे जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन भी बताया.

शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार ने इस मामले में आगे बहस को ख़त्म करते हुए कहा कि रिक्वेस्ट ऑफ़ प्रोपोजल यानी सोशल मीडिया हब की अधिसूचना को वो वापस ले रही है.

सोशल मीडिया हब के ज़रिए ज़िला स्तर पर जर्नलिस्ट और एक्सपर्ट को बहाल करने की योजना थी जो ट्रेंडिंग न्यूज़ और फ़ीडबैक इकट्ठा करेंगे. साथ ही सरकारी योजनाओं का आकलन करना था. इस पर बहुत से सवालिया निशान खड़े हो गए हैं.

तीन महत्वपूर्ण सवाल
1. क्या सरकार लोगों के सोशल मीडिया फीड का विश्लेषण कर सकती है, क्या यह लोगों के राइट टू प्राइवसी यानी निजता का अधिकार का उल्लंघन है?

2. संघीय ढांचे में क़ानून-व्यवस्था राज्य सरकार के तहत आती है. तो क्या सरकार ज़िलों में ऐसी एजेंसी को नियुक्त कर राज्यों के अधिकारों में कटौती कर सकती हैं.

3. सोशल मीडिया कंपनियों से जो डेटा लिया जाता है वो श्रीकृष्ण कमेटी की रिपोर्ट का भी उल्लंघन है क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार बिना सोशल मीडिया यूज़र की मंजूरी के डेटा नहीं लिया जा सकता.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Name *