अंग्रेजों ने 16 जून 1945 को ही भारत छोड़ने का निर्णय कर लिया

राकेश सिंह

सेक्रेटरी आफ स्टेट एमरी ने 16 जून 1945 को हाउस आफ कामंस में कहाकि हमने भारत छोड़ने का निर्णय कर लिया है। इसके लिए हमें वहां एक व्यवस्था बनानी होगी। ।विधान सभाओं के चुनाव कराने होंगे। एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी, जो वायसराय की एक्जीक्युटिव कौंसिल है उसमें भारतीयों को प्रवेश देंगे

19 सितंबर 1945 को लार्ड वेवल ने दिल्ली लौटते ही पूरे कार्यक्रम की घोषणा कर दी। उस समय कांग्रेस ने मांग की कि चुनाव कराने से पहले बालिग मताधिकार के आधार पर वोटर लिस्ट बनाई जाए। अंग्रेजों का तर्क था कि इसमें दो साल लग जाएंगे, हम उतना इंतजार नहीं कर सकते।

दरअसल दूसरे विश्वयुद्ध के कारण ब्रिटेन की हालत पतली हो गई थी। वह भारत से निकलना चाहता था। उसी योजना में कैबिनेट मिशन आया। 16 मई 1946 को कैबिनेट मिशन प्लान आया। वह अवार्ड था, यानि ब्रिटिश सरकार का आदेश।

उसी आदेश में 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई। उस सभा में 296 सदस्य थे। जिसमें 208 कांग्रेस के सदस्य थे। 73 मुस्लिम लीग के थे। शेष बचे 15 में 8 निर्दल थे। कांग्रेस ने अपनी मांगो से समझौता कर लिया। 15 प्रतिशत मतदाताओं से बनी विधानसभाओं के प्रतिनिधियों से संविधान सभा चुनी गई।

ईसी तरह अवार्ड के मुताबिक अंतरिम सरकार बनी। संविधान सभा में ज्यादातर वकील थे। केएम मुंशी ने यह स्वीकार किया कि हमारी जो सोच है वह ब्रिटिश लीगल सिस्टम से निर्धारित होती है। संविधान के निर्माण में यह बहुत बड़ा कारक बना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Name *