….जहां लोग लगाते हैं शादी के लिए अर्जी 

विजया लक्ष्मी

साक्षीगोपाल मंदिर में लोग लेकर आते हैं फरियाद
#  ओड़िशा के भुवनेशवर और पुरी रोड के बीच स्थित है साक्षीगोपाल का मंदिर

आज मैं आपकों एक ऐसे सफर पर ले जाऊंगी  जो स्थान तीर्थ स्थली तो है ही, साथ में सारी मनोकामनाओं को पूरी भी करता है। खासकार वे लोग जिनकी शादी नहीं हो पा रही है या फिर उनकी शादी में  कोई अड़चन पैदा करना चाहता है और वो दूर नहीं हो रही है, उनके लिए तो यह जगह मस्ट विजिट है। #पुरी और भुवनेशवर हाईवे पर एक गांव है साक्षीगोपाल। इस गांव में इसी नाम से एक मध्ययुगीन मंदिर भी है। मंदिर के आर्किटेक्ट अंदर से पुराना है। मुख्य द्वार पर दो शेर आपका स्वागत करेंगे। वैसे ओड़िशा के ज्यादातर मंदिरों के प्रवेश द्वार पर दो शेर के स्टैच्यू जरूर देखने को मिलते हैं। अच्छा भी लगता है। अब इसके पीछे की वजह फिर किसी और यात्रा के दौरान बताउंगी पहले इस मंदिर का जिक्र कर लेते हैं।

इस मंदिर के पीछे बेहद दिलचस्प कहानी है। कहते हैं कि सदियों पहले इस गांव में एक गोपाल नाम का लड़का रहता था जिसे गांव के प्रधान की लड़की से प्यार हो जाता है। जैसे हिंदी फिल्मों में होता है वैसा ही कुछ यहां भी होता है। गोपाल लड़की के पिता के सामने शादी का प्रस्ताव रखता है और पिता इंकार कर देते हैं। फिर गांव के लोग और प्रधान का परिवार और गोपाल भी तीर्थ स्थान काशी जाते हैं। वहां प्रधान जी बीमार पड़ जाते हैं । सभी अपने घूमने में मस्त होते हैं और गोपाल ही प्रधान की सेवा करता है। इस सेवा भाव से लड़की के पिता काफी प्रसन्न हो जाते हैं और लड़की का हाथ गोपाल को देने का वायदा करते हैं। लेकिन गांव लौटते ही प्रधान जी अपनी बात से मुकर जाते हैं और गोपाल से उस बात का साक्ष्य मांगते हैं। गोपाल फिर तप करते हैं और गोपालृकृष्ण प्रसन्न हो कर साक्ष्य बनने को राजी हो जाते हैं पर एक शर्त भी रखते हैं कि वो आगे आगे चलेगा और पीछे मुड़कर नहीं देखेगा। गोपाल मान जाता है। गांव की तरफ गोपाल कृष्ण को लेजाते वक्त एक पहाड़ी पर उसे भगवान के कदमों की आहट सुनाई देनी बंद हो जाती है, फिर क्यां वो मुड़ कर देखता है। जैसे ही वो पीछे मुड़कर देखता है भगवान काले पत्थर में तब्दील हो जाते हैं। इस साक्ष्य से गांव वाले और प्रधान दोनों संतुष्ट हो

जाते हैं और प्रधान अपनी बेटी से गोपाल की शादी करवा देते हैं। बाद में वो ही इस मंदिर का पहला पुजारी भी बनाया जाता है। तभी से यहां लोग शादी की फरियाद लेकर पहुंचते हैं। यहां पहुंचना ज्यादा मुश्किल भी  नहीं है। क्योंकि यह पुरी और भपवनेश्वर हाईवे पर ही स्थित है। है न अद्भुत मंदिर। इसकी बनावट भी कम सुंदर नहीं है। काफी आनंद औऱ शांति मिलती है यहां। तो एक बार यहां आईए जरूर।

 

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