ये सिर्फ ईंट – पाथर की इमारत भर नही
ये सिर्फ ईंट – पाथर की इमारत भर नही है | ये स्थान सदियों की साधना, तप की अध्यात्मिक ऊर्जा से अभिसिंचित है | ये वैद»
ये सिर्फ ईंट – पाथर की इमारत भर नही है | ये स्थान सदियों की साधना, तप की अध्यात्मिक ऊर्जा से अभिसिंचित है | ये वैद»
संघ लंबे समय से स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए स्वयं को तैयार कर रहा था। पर 9 अगस्त, 1942 को प्रारंभ हुए ‘अंग्रेजों भारत छोड»
खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागत का डेढ़ गुना किया जाना खेती-किसानी के संकट निवारण की दिशा में बड़ी»
महात्मा गांधी को समझने-समझाने के चौथे चरण की शुरूआत 2014 से हो चुकी है। 1948 से 2013 तक तीन चरण पूरे हुए हैं। पहले चरण म»
आखिरकार, अटल जी ने 16 अगस्त (2018) को 5 बजकर 5 मिनट पर दिल्ली के एम्स अस्पताल में यमराज को अपना पार्थिव शरीर ले जाने की»
बड़ी मुद्दत के बाद भारत सरकार ने देश के किसानों को राहत देते हुए, उन्हें उनकी उपज के लागत पर 50 प्रतिशत जोड़कर न्यूनतम स»
छत्रपति शिवाजी के उदय और मराठा राज्य की स्थापना ने भारत का राजनैतिक परिदृश्य बदल दिया था। अठारहवीं शताब्दी के मध्य तक मर»
अपनी चीन यात्रा पर जाने से पहले बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण भाषण दिया था। उन्ह»
उन्नीस सौ पचास के आसपास विश्व के अधिकांश देश यूरोपीय शक्तियों के औपनिवेशिक नियंत्रण से तो मुक्त हो गए, लेकिन उन पर यूरोप»
164 सदस्य देशों वाले विश्व व्यापार संगठन का 11वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन अर्जेंटीना के ब्यूनेस आयर्स में 13 दिसंबर»
संविधान में 73वें संशोधन से पंचायत प्रणाली को नया कलेवर मिला। यह समझा गया कि इससे सत्ता गांव में पहुंच जाएगी। ऐसा अगर हो»
हिन्दू अखबार से बातचीत में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि ‘वाजपेयी जी सचमुच एक महान भारतीय और महान प्रधानमं»
जय प्रकाश नारायण पंचायत राज प्रणाली सामाजिक एवं राजनीतिक लोकतंत्र का एक स्वरूप है। यह आदर्श रूप में एक सुपरिभाषित सामाजि»
बीते दो दशक से चुनाव सुधार के लिए कई मोर्चों पर जंग छिड़ी हुई है। जंग इसलिए क्योंकि यह विषय युद्ध से कम की मांग न»
बृजकिशोर शर्मा ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द का संविधान की उद्देशिका में समावेश करने का केवल इतना अर्थ हुआ कि हमने नामपट्ट मे»
इस समय सत्ता का केंद्र बिंदु दिल्ली, कोलकाता या मुंबई अर्थात बड़े नगरों में है। मैं उसे भारत के सात लाख गा»
भारत जैसे विशाल देश में किसी केंद्रीय सत्ता के 50 माह का कालखंड बहुत छोटा माना जाएगा, लेकिन जब चुनौती बड़ी हो और द»
देशभक्ति और इंसानियत जैसे शब्द धीरे-धीरे हमारी युवा पीढ़ी और बच्चों के लिए अर्थविहीन होते जा रहे हैं। ऐसे में फिल्म ‘जाग»
महात्मा गांधी-150 एक महान अवसर हो सकता है। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय आयोजन समिति की जो पहली बैठक हुई है, उससे भी सका»