जिज्ञासा: संविधान पर संवाद

प्रज्ञा संस्थाननई दिल्ली, 13 मई। जिज्ञासा न्यास के स्थापना दिवस का आयोजन दिल्ली के कन्स्टिटूसन क्लब ऑफ इंडिया में किया गया। इस मौके पर जिज्ञासा के संस्थापक ट्रस्टी श्री राजकुमार भाटिया जी ने जिज्ञासा के विभिन्न आयामों के संबंध में जानकारी दी। श्री देवरत्न शर्मा जी ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि रूप में आमंत्रित, इंदिरागांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री रामबहादुर राय ने ‘भारत का संविधान संसद और सर्वोच्च न्यायालय’ विषय पर व्याख्यान दिया।

उन्होंने कहा कि सुप्रीमकोर्ट अपनी ही बनाई हुई लक्ष्मण रेखा को तोड़ रहा है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि भारतीय संविधान में संसद, सरकार और सर्वोच्च न्यायलय इसके तीन अंग हैं। संविधान निर्माता ने संविधान को विष्णु का रूप बताया है। संविधान दिवस के द्वारा परिचय माननीय प्रधानमंत्री ने आम जनमानस से कराया। पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय की समलैंगकता के मुददे पर बहस चिंता जनक है। समलैंगकता पर सर्वोच्च न्यायालय फैसला सुनाता है तो इससे सामाजिक सांस्कृतिक भूकम्प आएगा। सुप्रीम कोर्ट संविधान के आधार भूत ढांचे की अवहेलना कर रहा है। संविधान क्या सुप्रीम कोर्ट को ये इजाजत देता है। समलैंगकता विषय को लेकर राय साहब के कहा कि इसपर आने वाला फैसला शिव तांडव होगा। केरल राज्य के केशवानंद भारती के फैसले की चर्चा की। इस फ़ैसले से हर गली में दंगल खड़े हो गए, उसी कड़ी में वर्तमान

‘सुप्रीम व्हिस्पर’ पुस्तक की चर्चा करते हुए कहा कि राजेन्द्र बाबु और जवाहरलाल नेहरू सुप्रीम कोर्ट के जजों को बुला कर कहते थे कि यह फैसला करो। उन्होंने इस संबंध में इंदिरा गांधी के समय की एक घटना को भी याद दिलाया ।

उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में उनके अनावश्यक दखल को देखते हुए यह कहना पड़ता है कि सुप्रीम कोर्ट के जज निरंकुश हो गए हैं। आज सुप्रीम कोर्ट अपनी मर्यादा तोड़ रहा है। संसद और सुप्रीम कोर्ट समय समय पर जनता पर मेहरबान भी होती है। संविधान संसोधन जैसे गंभीर पर चर्चा की। संसद संविधान सभा के रोल में है तो कोई भी परिवर्तन कर सकता है।

कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री वी सतीश जी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री श्याम जाजू जी, पूर्व राष्ट्रीय कानून सचिव आदि अनेक महत्वपूर्ण लोग कार्यक्रम में उपस्थित थे। जिज्ञासा की ओर से मुनीश गौड़ जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Name *