कला साहित्य

एटम बमों के जोर पर एंठी है ये दुनिया, बारूद के ढेर पर बैठी है ये दुनिया

देशभक्ति और इंसानियत जैसे शब्द धीरे-धीरे हमारी युवा पीढ़ी और बच्चों के लिए अर्थविहीन होते जा रहे हैं। ऐसे में फिल्म ‘जाग»