पेड़ के प्राण लेना अक्षम्य है ! सुप्रीम कोर्ट दंड तय करे !!
वन की परिभाषा क्या है ? अब इस जानेमाने शब्द के आशय पर गत सप्ताह से भारत का सर्वोच्च न्यायालय माथापच्ची कर रहा है, सिर खप»
वन की परिभाषा क्या है ? अब इस जानेमाने शब्द के आशय पर गत सप्ताह से भारत का सर्वोच्च न्यायालय माथापच्ची कर रहा है, सिर खप»
मुकफ्फा (अनुप्रास) विधा के लिए मशहूर सिख शायर, पाकिस्तान से भारत आए, एक बंगभाषिनी अदाकारा राखी के पति सरदार संपूरण सिंह»
रूस में राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की तानाशाही से संघर्ष करते जनयोद्धा, वकील एलेक्सी नवेलनी की 16 फरवरी 2024 साइबेरिया क»
9 फरवरी 2024, विश्व पित्सा दिवस था। पित्सा अथवा पिज़्ज़ा यूरोपियन आत्मबंधु है पराठे का। इटली में जन्मा यह पराठा कर्नाटक»
आमजन का राम से रिश्ता दशहरा में नये सिरे से जुड़ता है। रामलीला एक लोकोत्सव है जिसमें राम की जनपक्षधरता अभिव्यक्त होती है।»
तीन निखालिस सोशलिस्टों, मुलायम सिंह यादव, जॉर्ज फर्नांडिस और अब कर्पूरी ठाकुर, को पद्म पुरस्कार से नवाज कर भाजपाई प्रधान»
22 जनवरी 2024, विशाल राम मंदिर परिसर में एक अति विलक्षण नजारा पेश आया था। हजारों काषायधारी संतों की अगली पंक्ति में एक»
अफ्रीकी स्वतंत्रता सेनानी और अदम्य फोटो पत्रकार पीटर मगुबेन के गत दिनों निधन से वैश्विक संघर्ष का एक अनुच्छेद समाप्त हो»
गोरखपंथ के संत मच्छिंद्रनाथ (मत्स्येंद्र नाथ) की बारह सदी पुरानी समाधि शीघ्र हिंदुओं को वापस मिलेगी। मुंबई से चालीस किलो»
हेमंत शर्मा की “राम फिर लौटे” (प्रभात प्रकाशन) को पढ़ना लाजिमी हैं, अयोध्या के राम से पूर्णतया अवगत होने के हेतु। जो नही»
चीन के कम्युनिस्ट पड़ोसी और शत्रु वियतनाम को नरेंद्र मोदी ने काफी संवेदनशील ढंग से भारत का प्रगाढ़ मित्र बनाया है, खासकर»
अगले महीने गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली आकर फ्रांसीसी राष्ट्रपति एक कीर्तिमान रचेंगे। फ्रांस अकेला गणरा»
पुरानी पुस्तकों और प्राचीन इमारतों को पसंद करने वाले हर व्यक्ति को यह खबर अच्छी लगेगी। संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, वैज्ञानिक»
कैसा लगेगा अगर जन्माष्टमी पर मथुरा खामोश, बिना उत्सव के हो जाए। अयोध्या में रामनवमी न मनाई जाए ! ठीक यही दृश्य आज है बेथ»
तृणमूल कांग्रेस के 66-वर्षीय नेता कल्याण बनर्जी विगत पंद्रह वर्षों से लोकसभा सदस्य हैं। मगर इतनी चर्चा में कभी नहीं आए ज»
हर साहित्यप्रेमी बिड़ला फाउंडेशन का आभारी होगा कि उन्होंने विख्यात लेखिका पुष्पा भारती जी को इस वर्ष के “व्यास सम्मान” से»
राजनेताओं को शैक्षणिक विषयों पर तभी बोलना चाहिए जब वे स्वयं उच्च शिक्षा याफ़्ता हो। अर्थात कोई कम पढ़ा मंत्री ज्ञान की बात»
शायद भाजपायी राजनेताओं का ही भाग्य रहा कि दकियानुसी हिंदूवादी अवधारणाओं को समूल तोड़ें। वर्ना उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदे»
समकालीन इतिहास की अत्यंत त्रासद घटना पर बनी कंगना रानौत की फिल्म “एमर्जेंसी” अब नूतन वर्ष में दिखाई जाएगी। गत माह की तार»