आपरेशन सिंदूरअभी खत्म नही हुआ है। यह सिर्फ स्थगित हुआ है। लेकिन पाकिस्तान के साथ इस संघर्ष में युद्ध जैसे हालात बने। दुनिया दोनों पक्षों का आंकलन भी कर रही है। आंकलन सैन्य हथियारों का भी हो रहा है। हमें भी अपना आंकलन करना होगा। कूटनीति, संचारनीति से लेकर अपने सैन्य प्रदर्शन तक का आंकलन जरूरी है। आगे बढ़ने के लिए अपनी कमियों को स्वीकारने तथा गलितियों को सुधारने की जरूरत है।
इस संघर्ष में पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया। चीन हमारा मुख्य प्रतिद्वंदी है। चीन ने रक्षा क्षेत्र में अपने बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करता है। एक दौर वह भी था जब चीनी उपकरणों को घटिया माना जाता था। क्योंकि ये चीनी उपकरण ज्यादातर रूस की नकल होते थे। लेकिन आज के दौर में यह धारणा बदली है। क्यों बदली है, इसके कई कारण हैं। उस पर आगे चर्चा करेंगे।
वैसे आज के दौर का युद्ध भी अब अलग दिशा में निकल गया है। भारत पाकिस्तान के संघर्ष को ही लें तो लगता है कि युद्ध में मिसाइलों और ड्रोन की भूमिका बढ़ गई है। हम सबको देखने में आया ही है कि लाहौर और कराची में एयर डिफेंस रडार सिस्टम को निशाना बनाए जाने के एक दिन बाद सरकार ने सूचना दी कि पाकिस्तान के कई और एयर डिफेंस सिस्सटम को ध्वस्त कर दिया गया। यही नहीं एएनआई ने सूचना दी कि भारत पर दागी गई 15 मिसाइलों को एस-400 के जरिए निष्क्रिय कर दिया गया।
पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को नाकाम करने के लिए इस्राइल हार्पी और हारोप ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया। 100 से अधिक उच्च क्षमता वाले हार्पी और हारोप ड्रोन भारत के पास हैं। दरअसल ये मिसाइल ही हैं। हमारे पास कुछ इस्राइली हमलावर ड्रोन भी हैं। हार्पी और हारोप ड्रोन की खासियत है कि यह 6 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं। यही नहीं जब उन्हें पता चलता है कि कोई राडार चालू हो गया है तो वे उस उसे नष्ट कर सकते हैं। यह ड्रोन 32 किलोग्राम तक विस्फोटक भी ले जा सकते हैं। अभ भारत ने अमेरिकी एमक्यू-9 प्रीडेटर हमलावर ड्रोन भी खरीदने की तैयारी कर ली है।
भारत पाकिस्तान के इस संघर्ष की एक खासियत यह भी है कि दोनो ने अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किए बिना हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमला किया। इसके लिए लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल किया। नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की जगह अब फाइटर जेट, मिसाइल और ड्रोन ने ले ली है। वैसे भारत ने पहले दिन आतंकी अड्डों को ही निशाना बनाया। इसके लिए भारतीय विमानों ने भारतीय क्षेत्र से ही मिसाइलें दागीं। लेकिन इसके बदले पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों को ड्रोन से निशाना बनाया गया। जिन्हें भारत ने मार गिराया। इसके बाद ही भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह करने का फैसला किया। अपने इस फैसले को भारत ने शानदार तरीके सें अंजाम दिया।
इस हमले के बाद ही पाकिस्तान घुटनों पर आया। और संघर्ष विराम की गुहार लगाने लगा। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष विराम कराने का दावा किया, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में अमेरिका का कोई जिक्र न करके साफ कर दिया कि भारत अब पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद और उसके कब्जे वाले कश्मीर पर ही बात करेगा।