लव जिहाद: उत्तर प्रदेश स्टोरी को आंकड़ों से समझिये

प्रज्ञा संस्थानशोध आधारित फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ ने एक तरफ जहाँ केरल में लव जिहाद पीड़िताओं के वीभत्स जीवन का यथार्थ चित्रण किया वही दूसरी तरफ देश के अन्य दूसरे राज्यों में ऐसे वृत्तचित्रों की पटकथा लिखी जा चुकी है. यह कोई कोरी राजनीतिक गल्प नही है. इसका प्रमाण आकड़ें स्वयं देंगे. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, उप्र पुलिस ने एक जनवरी 2021 से 30 अप्रैल 2023 तक कन्वर्जन से जुड़े 427 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें अब तक 833 से ज्यादा गिरफ्तारी भी हो चुकी है।185 मामलों में पीड़िताओं ने न्यायालय के समक्ष जबर्दस्ती धर्म बदलवाने की बात भी कबूल की है। वहीं नाबालिगों के कन्वर्जन के अब तक 65 मामले दर्ज किए गए हैं। उप्र में कन्वर्जन से जुड़े कुल 427 मामले दर्ज किए गए। इसमें बरेली जोन में सर्वाधिक 86 मुकदमे दर्ज हुए। गोरखपुर में 59, लखनऊ में 53, मेरठ में 47, प्रयागराज में 46, वाराणसी में 39 मामले दर्ज किए गए। कमिश्नरेट की बात करें तो लखनऊ में 20, कानपुर में 19, प्रयागराज में 13, नोएडा में 10 मामले दर्ज किए गए। प्रयागराज में 299, बरेली में 235, लखनऊ जोन में 153, मेरठ में 141, वाराणसी में 135, गोरखपुर में 128 नामजद एफआईआर दर्ज की गई। प्रयागराज जोन में सर्वाधिक 121 मामले प्रकाश में आए। लखनऊ में 34, बरेली में 28, आगरा में 27, गोरखपुर व  वाराणसी जोन में 16-16 मामलों का पता चला। वहीं आरोपितों की गिरफ्तारी पर नजर दौड़ाएं तो सबसे अधिक आरोपित प्रयागराज जोन से ही गिरफ्तार भी हुए। इन मामलों में कार्रवाई करते हुए प्रयागराज जोन की पुलिस ने 163 आरोपितों को धर-दबोचा। बरेली में 137 गिरफ्तारियां की गईं। लखनऊ में 124, वाराणसी में 101, गोरखपुर में 81, मेरठ में 65, आगरा जोन में 37, कानपुर में कन्वर्जन के 21 आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े।

स्थिति की विभीषिका सिर्फ यही तक सिमित नही है. धर्मान्तरण के इस संगठित अपराध में हिन्दू समाज की नाबालिग  बच्चियां भी निशाने पर है. उत्तर प्रदेश में नाबालिगों के  कन्वर्जन के अब तक 65 मामले दर्ज किए गए। नाबालिगों के कन्वर्जन से जुड़े 12 मामले मेरठ जोन, 10 गोरखपुर, 9 बरेली, 5 आगरा व 4-4 मामले लखनऊ व प्रयागराज में, वाराणसी जोन में भी दो नाबालिगों के धर्म परिवर्तन के केस दर्ज किए गए। कमिश्नरेट लखनऊ में 5, कानपुर- गाजियाबाद में 4-4, प्रयागराज में 3 व नोएडा में 2 मामले दर्ज हैं।  लखनऊ जोन में 13 व गोरखपुर जोन में 12 मामले ही विचाराधीन हैं। शेष प्रयागराज में 9, बरेली में 8, मेरठ में 3 और वाराणसी में दो मामलों मे विवेचना जारी है। 185 पीड़िताओं ने जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन करवाए जाने की बात कबूली विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 के मुताबिक एक जनवरी 2021 से 30 अप्रैल 2023 के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो 185 पीड़िताओं ने न्यायालय के समक्ष जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन करवाए जाने की बात कबूली है। बरेली में 47, मेरठ में 32, प्रयागराज में 13, गोरखपुर में 12, आगरा में 11, लखनऊ में 10 और वाराणसी जोन की 10 पीड़िताओं ने न्यायालय में जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन करवाए जाने की बात कबूल की है। इसके अतिरिक्त ऐसे कितने मामले है जो प्रकाश में नही आ पाते.

योगी सरकार ने 27 नवम्बर 2020 को उप्र में विधि विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 कानून लागू  किया। इसके तहत यूपी में कन्वर्जन कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को अपराध की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल हो सकती है। कानून में जुर्माने की राशि 15 हजार से 50 हजार तक है। अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना होता है। जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर न्यूनतम 15 हजार रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद का प्रावधान है। एससी-एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के कन्वर्जन पर तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान है। जबरन सामूहिक कन्वर्जन के लिए तीन से 10 साल जेल और 50 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। कानून के मुताबिक अगर विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना था, तो ऐसी शादियों को अवैध करार दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार के कड़े रुख के कारण पुलिस प्रशासन की इस धर्म आधारित संगठित अपराध के विरुद्ध कार्यवाही में त्वरा आ गई है. लव जिहाद और कन्वर्जन के आरोपियों के खिलाफ प्रदेश की पुलिस ने कार्रवाई कर नजीर पेश की।

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