मजदूर दिवस का इतिहास

विश्वभर में श्रमिकों के सम्मान को समर्पित को मई दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष होता है. इसी उपलक्ष में 1 मई को श्रमिक दिवस या मई डे के नाम से भी जाना जाता है. पिछले 132 वर्षों से श्रमिकों के लिए मई दिवस मनाया जाता रहा है.  पहले मजदूर दिवस का आयोजन 1889 में किया गया था. इसकी एक खास वजह और विशेष इतिहास है.

 19वीं सदी के पूर्वांर्ध में ही मजदूरों में राजनीतिक चेतना और संघर्ष की भावना का व्यापक प्रसार हो चुका था. अब वे अपनी मांगों के लिए संगठित प्रतिरोध करने की स्थिति में आ चुके थे. इसी अनुक्रम में 1886 से अमेरिका में एक मजदूर आंदोलन की शुरुआत हुई थी जिसमें उनकी मुख्य माँग अपने लिए कार्य समय को निर्धारण करवाना था. दरअसल पूंजीवादी आतंक के इस कालखंड में मजदूरों के मानवाधिकार मानो नदारद ही थे. उनसे एक दिन में 15-16 घंटे और कभी-कभी 18 घंटे तक काम लिया जाता था. इसके विरोध में अमेरिका के  मजदूर सड़कों पर आ गए और व्यापक हड़ताल कर दी. इस हड़ताल में लगभग 11 हजार फैक्ट्रियों के 3 लाख 80 हजार मजदूर शामिल हुए. शिकागो की. मजदूर रैली में संघर्ष के दौरान पुलिस ने आंदोलनकारी मजदूरों पर गोली चला दी. जिसमें कई मजदूरों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गये.
इस घटना के बाद 1889 में पेरिस में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन आयोजित हुए जहाँ फ्रेंच क्रांति को ध्यान में रखते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया. जिसमें तय किया गया कि हर मजदूर से प्रतिदिन 8 घंटे ही काम लिया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय महासभा की दूसरी बैठक में इस प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाए जाने की बात स्वीकार की गई. इस प्रस्ताव के पास होते ही अमेरिका में सिर्फ 8 घंटे काम करने की इजाजत दे दी गई.  इसी सम्मेलन के बाद में आंदोलन में प्राण गवाने वाले मजदूर नेताओं एवं आंदोलनकरियों की स्मृति में 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का फैसला लिया गया. इस दिन हर साल मजदूरों को छुट्टी देने का भी फैसला लिया गया.  अमेरिका के बाद दूसरे अन्य देशों में भी 8 घंटे काम करने के नियम को लागू कर दिया गया. काम की अवधि‍ और दिनों के अलावा मजदूर आंदोलनों में पारि‍श्रमिक को लेकर भी कई बार सवाल खड़े किए जा चुके हैं. इन आंदोलनों की बदौलत ही देश के राज्यों में न्यूनतम मजदूरी तय है.
  अमेरिका में मई दिवस मनाने का प्रस्ताव 1 मई 1889 को लागू हुआ लेकिन भारत में इस दिन को मनाने की शुरुआत लगभग 34 साल बाद हुई. भारत में  1 मई 1923 में पहली बार चेन्नई में मजदूर दिवस मनाया गया. लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में मजदूर दिवस मनाने की घोषणा की गई. प्रति वर्ष मजदूर दिवस की एक थीम पर आधारित होती है. इस वर्ष मजदूर दिवस 2023 की थीम ‘सकारात्मक सुरक्षा और हेल्थ कल्चर के निर्माण के लिए मिलकर कार्य करना.’

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