के. विक्रम राव

ब्रह्मपुत्र पर इतिहास रचा गया ! चीन जरूर व्यथित रहा होगा !!

  सीमांत ग्राम किबिथु (अरुणाचल) से करीब 800 किलोमीटर दूर राजधानी गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के पलाशबारी और सुआलकुची तट»

हिटलरी कमांडर कांपते थे उस यहूदी सार्जेंट के टाइपराइटर से !!

यह शोक-सूचना है, एक शौर्य दास्तां भी, उस अमेरिकी यहूदी वकील की जिसने दस लाख बेगुनाह नागरिकों की नृशंस हत्या के दोषी हिटल»

अरुणाचल अब शोकांतिका नही रहा ! अलबत्ता तिब्बत तो त्रासदी है !!

बड़ी याद आती है जवाहरलाल नेहरू की। भले ही आज न तो उनकी पुण्यतिथि है, न जयंती। फिर कवि प्रदीप की पंक्ति कौंध जाती है : “ज»

कब प्रौढ़ होंगे हमारे मीडियाकर्मी ? बलूच बागी को अपना बिरादर मानें !!

आजादी के साढ़े सात दशक बाद भारतीय मीडिया आज भी अंग्रेजी औपनिवेशिक प्रवृत्ति से ग्रस्त है, गाफिल है। विदेश के समाचार-प्रका»

सर्कसी शेर की अब धुंधली याद ही है ! न भालू रहा, न हाथी, बस घोड़ा बचा !

 तब तक टीवी ने हम लोगों की शाम को बख्श दिया था। ईजाद ही नहीं हुआ था। मोबाइल ने दिनरात हड़पे नहीं थे। वह भी नहीं बना था। उ»

कब तक दौड़ सकेंगे घोड़े मुंबई के विवादित महालक्ष्मी रेसकोर्स पर ?

 मुंबई में सवा सौ वर्ष पुराना रेस कोर्स आज सत्ता संघर्ष से घिर गया है। राज्य शासन, न्यस्त स्वार्थी तत्व तथा सियासती पार्»

चीन से बाघ को बचाना है ! इंदिरा ने पाला था, मोदी ने पोसा है !!

   भारतीय व्याध्र का क्रूरतम शत्रु है पड़ोसी चीन, केवल हमारी हिमालयी सीमाओं पर ही नहीं। इस कम्युनिस्ट राष्ट्र के बाद इस»

पत्रकार जिसने रचा इतिहास ! सिर्फ देखा-लिखा ही नहीं : हरीश चंदोला !!

जब 94-वर्षीय पत्रकार हरीश चंदोला का उनके नई दिल्ली-स्थित जोरबाग आवास में निधन (रविवार, 26 मार्च 2023) हुआ तो मैंने सोचा»